भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देशों के बाद सक्रिय हुई प्रदेश की पुलिस बीते एक माह में करीब ढाई हजार परिवारों की लापता बच्चियों को बरामद कर उनके चेहरों पर खुशियां लौटा चुकी है। प्रदेश की पुलिस के लिए इसे बड़ी सफलता के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल पुलिस द्वारा बीते एक माह के अंदर करीब ढाई हजार बच्चियों की खोज की जबलपुर हाईकोर्ट भी सराहना कर चुका है।
खास बात यह है कि जिन बच्चियों के वारिस नहीं मिल रहे हैं, उन्हें फिलहाल सुधार गृह में रखा जा रहा है। इसके लिए पुलिस द्वारा बीते माह ऑपरेशन मुस्कान शुरू किया गया था। अभियान में लापता 2444 बालिकाएं बरामद कर ली गई हैं। इनमें से कुछ को दूसरे राज्यों से बरामद किया गया है। इनमें सर्वाधिक लापता बच्चियां इंदौर की बरामद की गई हैं। इसी तरह से बरामद की गई अन्य बच्चियों में सागर की 144, धार की 115, रीवा की 107 और छतरपुर की 102 शामिल हैं। इस मामले में बैतूल जिले का बरामदगी का प्रतिशत 89.1 फीसदी और अशोकनगर का 79.1 फीसदी सर्वाधिक है। जनवरी के अंत में प्रदेश की लापता बालिकाओं के कुल 3122 मामले लंबित बने हुए थे। हालांकि बीते साल भी पुलिस ने इसी तरह के तीन अभियान चलाकर 3337 नाबालिग बालिकाओं को खोजा था। खास बात यह है कि सीधी पुलिस ने 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल के जिला मुर्शिदाबाद से भी एक 19 साल की बच्ची को भी बरामद किया है।
शुभंकर गुड्डी अभियान में सफलता
महिला जागरूकता समान अभियान के अंतर्गत विशेष रूप से मानव दुर्व्यापार की रोकथाम हेतु पोस्टर तैयार किए गए थे। जिनमें यह उल्लेखित किया गया था कि 18 साल से कम उम्र की बालिकाओं को उनकी सहमति से भी शादी करना अपराध है। इस अभियान की शुभंकर गुड्डी का भी सृजन इस आशय से किया गया था कि वह नौकरी एवं शादी का प्रलोभन देकर तस्करी करने वाले अपराधियों से सचेत रहे। इसी अभियान के शुभारंभ में मुख्यमंत्री द्वारा अपहरण एवं व्यपहरण के मामलों में सभी फरियादियों को अधिकार-पत्र देने को कहा गया था। इसमें फरियादी को यह बताने को कहा गया था कि उनके मामले में पुलिस द्वारा अपहृताओं को तलाशने के कब क्या-क्या प्रयास किए गए हैं और अब क्या किया जा रहा है। साथ ही बरामदगी के बाद भी पीड़ित पक्ष की ओर से पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में फरियादी, अभिभावक को हर स्तर पर जानकारी देने का अधिकार शामिल है। आॅपरेशन मुस्कान के तहत माह जनवरी में प्रत्येक ऐसे मामलों के लंबित प्रकरण की समीक्षा थाना प्रभारी, एसडीओपी, पुलिस अधीक्षक एवं जोनल पुलिस महानिरीक्षक से भी कराई गई है।
18 फीसद मिली दूसरे राज्यों में
इस अभियान के दौरान 18 फीसदी बालिकाओं को दूसरे प्रदेशों से जबकि लगभग 82 फीसदी को प्रदेश से ही बरामद किया गया है। प्रदेश से बाहर जिन प्रदेश से उनकी बरामदगी की गई है उनमें मुख्यत: गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल है। यही नहीं कुछ को तो दूर दराज के प्रदेशों जैसे जम्मू कश्मीर से पांच, कर्नाटक से तीन, तेलंगाना से आठ, बंगाल से चार, दमन द्वीप से तीन, केरल से 6, असम से एक और पंजाब से 141 बालिकाएं भी बरामद हुई हैं।