*राजेन्द्र के.गुप्ता
*जांच एजेंसियों के द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम में भ्रष्ट अधिकारियों और उनके परिजनों पर दर्ज भ्रष्टाचार के अपराध में अभियोजन स्वीकृति देने के संबंध में सरकार ने गत माह नए दिशा निर्देश जारी किए है, जो आरोपी आलोक खरें AC आबकारी के केस पर लागू होते है*
*सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार तीन महीने पश्चात स्वतः चालान पेश किया जा सकता है*
*सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया है, वही दूसरी तरफ आलोक खरें पर दर्ज अपराध के मामले में एक साल में दो बार वाणिज्यिक कर PS ने आबकारी आयुक्त से अभिमत मांगा, अब जब PS ने अभियोजन प्रस्तुत करने की अनुमति जारी करने का अभिमत मंत्रीजी को भेजा तो मंत्रीजी ने अब तक OK नहीं किया*
*सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रीजी आलोक खरें की अभियोजन स्वीकृति से संबंधित फाइल विधि मंत्रालय को भेज कर आलोक खरें और इनकी पत्नी को जेल भेजे जाने की संभावना में कुछ और विलंब उत्पन्न कर सकते है*
*भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करने और जेल भेजे जाने के मामले मे मंत्रीजी और सरकार की मंशा अलग अलग नजर आ रही है*
*मंत्रीजी के पुत्र का भूमि खरीदी मामला चर्चा में है,…*
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