अग्नि आलोक
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*प्रकृति के हत्यारों को सत्ता से बाहर करो*

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          पुष्पा गुप्ता 

2022 से लेकर 2024 तक के लगातार धरती के तापमान की बढ़ोतरी, धरती के नीचे के पानी की समाप्ति, नदी, तालाब, बांध, झरने के पानी की बर्बादी को देखते हुए, देशी प्रजाति के पेड़ों वनस्पतियों व वन्य जीवों के साथ समन्वय को अपनाइए।  महुआ पेड़ की महत्व को इस प्रकार समझिए।

(1 ). ऐसा फूल जिसकी खुशबू अनंतकाल तक बनी रहती है.

 (2). ऐसा फूल जिसका सुंगध समय के साथ बड़ता जाता है.

 (3). ऐसा फूल जिसे पानी में भिगोने पर पुनः अपने प्रारंभिक अवस्था में लौट आती है.

(४). ऐसा फूल जिसका “कल ” कभी खराब नहीं होता है.

(५). ऐसा फूल जिससे निर्मित “कल”(आसवित अर्क) हजारों वर्षों से इन्फेक्शन से बचाते आया है.

(६). ऐसा फूल जो भारी आकाल में भी फूलता है, जिसे खाकर कोयतोर समुदाय की पीढ़ियां भुखमरी से बच सकी.

 (७).ऐसा फल कोया जिसने आकाल के समय कार्बोहाईड्रेड वसा व प्रोटीन की जरूरत को एक साथ पूरा किया है। 

(८). जिसके अद्भूत बीज टोरी/डोरी/टोल तेल जिसने हिमपात व जानलेवा ठण्ड से कोयतुरो की रक्षा की है।

 (९). टोरी/डोरी/टोल के तेल में विभिन्न बीमारियों से बचाने की क्षमता होती है। 

(१०). महुऐ के दूध ने लेखन कला में उपयोगी रंगों को अमीट व रंग को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने की तकनीक में मुख्य भूमिका निभाई. यही वजह है कि हजारों वर्ष बाद भी उनके लिखे भित्ति चित्र व लेख आज भी खुले चट्टानों पर भी सुरक्षित है मानव निर्मित दुनिया।

देशी व विदेशी शराब कारोबारी, माफियाओं के द्वारा भी महुआ पेड़ को बर्बाद करने का षड़यंत्र किया जा रहा है, ताकि इनके केमिकल युक्त देशी व अंग्रेजी फैक्टरी निर्मित शराब का कारोबार किया जा सके। 

    मैं बचपन से सुन रखी हूँ कि महुवा का पेड़ लगाने से पेड़ लगाने वाले व्यक्ति का वंश वृद्धि नही होता हैं तो, हमारे दादा दादी लोग महुआ के बीजों को झाड़ी नुमा जगहों पर फेंक देते थे। 

    10-15 पौधों को रोपने पर एक ही पेड़ बनता हैं। महुआ के छोटे पौधों को गाय, बैल, बकरी से सबसे नुकसान होता हैं। इस पेड़ के संरक्षण के लिए सरकार को गम्भीरता से काम करने होंगे, ताकि जंगलों में निवास करने वाले पशु पक्षियों को जंगल छोड़कर मानव बस्तियों आना जाना बंद हो सके, पर यहाँ  की सरकार अपने मित्रो के फायदे के लिए सारे जंगल को ही उल्टा काट दे रहे हैं। 

     खनन के नाम पर किलोमीटर में जंगलों को काटा जा रहा है। चारों तरफ बर्बादी फैली हुई हैं। प्रकृति को बचाकर सर्वश्रेष्ठ जिंदगी जीना चाहते हैं तो प्रकृति के हत्यारों को सत्ता से बाहर करो।

*पेड़ो के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी*

  पेड़ धरती पर सबसे पुरानें l

लिविंग ऑर्गनिज्म हैं, और ये कभी भी ज्यादा उम्र की वजह से नही मरते.

    हर वर्ष ५- ६ अऱब पेड़ लगाए जा रहे है लेकिन हर वर्ष १० अऱब पेड़ काटे भी जा रहे हैं.

  एक पेड़  दिन में इतनी ऑक्सीजन देता है कि ४ आदमी जिवित रह सकें.

    देशों की बात करें, तो दुनिया में सबसे ज्यादा पेड़ रूस में है उसके बाद कनाडा में उसके बाद ब्राज़ील में फिर अमेरिका में और उसके बाद भारत में केवल ३५ अऱब पेड़ बचे हैं.

   दुनिया की बात करें, तो १ मनुष्य के लिए ४२२ पेड़ बचे है. लेकिन अगर भारत की बात करें,तो १ हिंदुस्तानी के लिए सिर्फ २८ पेड़ बचे हैं.

    पेड़ो की कतार धूल-मिट्टी के स्तर को ७५% तक कम कर देती है. और ५०% तक शोर को कम करती हैं.

     एक पेड़ इतनी ठंड पैदा करता है जितनी १ A.C १० कमरों में २० घंटो तक चलने पर करता है. जो इलाका पेड़ो से घिरा होता है वह दूसरे इलाकों की तुलना में ९ डिग्री ठंडा रहता हैं.

    पेड़ अपनी १०% खुराक मिट्टी से और ९०% खुराक हवा से लेते है. एक पेड़ में एक वर्ष में २,००० लीटर पानी धरती से चूस लेता हैं.

    एक एकड़ में लगे हुए पेड़ १ वर्ष में इतनी Co2 सोख लेते है जितनीएक कार ४१,००० किलो मीटर चलने पर छोड़ती हैं.

   दुनिया की २०% oxygen अमेजन के जंगलो द्वारा पैदा की जाती हैं. ये जंगल ८ करोड़ १५ लाख एकड़ में फैले हुए हैं.

    इंसानो की तरह पेड़ो को भी कैंसर होती है.कैंसर होने के बाद पेड़ कम ऑक्सीजन देने लगते हैं.

   पेड़ की जड़े बहुत नीचे तक जा सकती है. दक्षिण अफ्रीका में एक अंजीर के पेड़ की जड़े ४०० फीट नीचे तक पाई गई थी.

   दुनिया का सबसे पुराना पेड़ स्वीडन के डलारना प्रांत में है. टीजिक्को नाम का यह पेड़ ९,५५० वर्ष पुराना है. इसकी लंबाई करीब १३ फीट हैं.

    किसी एक पेड़ का नाम लेना मुश्किल है लेकिन तुलसी, पीपल, नीम और बरगद दूसरों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करते हैं.

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