,भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल की पचमढ़ी में चल रही चिंतन बैठक के पहले दिन उनकी महत्वकांक्षी योजनाएं तीर्थदर्शन और कन्या विवाह योजना मंथन में बाहर निकलकर आई हैं। अप्रैल महीने से दोनों योजनाएं शुरू की जाएंगी और तीर्थदर्शन यात्रा की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमंडल बुजुर्गों के साथ ट्रेन में सफर कर करेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार की चिंतन बैठक के बारे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल के महीने में चार तीर्थदर्शन ट्रेनों को रवाना किया जाएगा। पहली ट्रेन में सीएम चौहान और मंत्रिमंडल के सदस्य बुजुर्गों के साथ तीर्थदर्शन करने काशी विश्वनाथ व कबीरचौरा जाएंगे। साथ ही गंगा स्ना्न भी करेंगे। इसके बाद तीर्थदर्शन योजना को बेहतर स्वरूप देते हुए अन्य तीन ट्रेनों को तीर्थदर्शन के लिए रवाना किया जाएगा। चिंतन में एक विचार यह भी सामने आया कि दूरस्थ स्थानों पर बुजुर्गों को हवाई यात्रा से तीर्थदर्शन कराए जाएं और बसों से भी बुजुर्गों को तीर्थदर्शन के लिए यात्रा कराई जाए। इन सुझावों पर अभी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का सालभर का कैलेंडर बनेगा
मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम बनने के पहले से सामूहिक कन्यादान करते रहे थे लेकिन सीएम बनने के बाद उन्होंने अच्छे स्वरूप में बड़ी योजना के रूप में लागू किया। अब इसे और बड़े स्तर पर शुरू किया जा रहा है। अप्रैल महीने से इस योजना की शुरू की जा रही है। चिंतन बैठक में यह सुझाव सामने आया कि अब तक यह योजना दो विभागों के माध्यम से संचालित की जाती थी जिसे एक ही विभाग को सौंपे जाने का सुझाव आया। इस पर सभी ने सहमति भी दी। कन्या विवाह योजना में जिनकी शादी होगी, उन दंपतियों को प्रमाण पत्र भी देने का निर्णय लिया गया। इसका सालभर का कैलेंडर बनाया जाएगा जिससे लोगों को रजिस्ट्रेन कराने में परेशानी नहीं हो।
लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाया जाएगा
गृह मंत्री मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी बेटियां अब 15-16 साल की हो गईं हैं। कई कॉलेज में जाने वाली हो गई हैं। इसलिए लाड़ली लक्ष्मी दिवस के रूप में दो मई को मनाया जाएगा। यह दो से 11 मई तक पूरे सप्ताह चलेगा और अलग-अलग स्थानों पर यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। एएऩएम, नर्सिंग ट्रेनिंग दी जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी क्लब बनाया जाएगा।
संस्थागत प्रसव 94 फीसदी हुए
मिश्रा ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के कारण बेटियों को गर्भ में ही मारे जाने की शिकायतों में कमी आई है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के पहले संस्थागत प्रसव 54 फीसदी होते थे जो अब 94 फीसदी पहुंच गए हैं। यह सौ फीसदी के करीब पहुंच रहे हैं। कन्या भ्रूण हत्या के मामले भी कम हो रहे हैं क्योंकि लाड़ली लक्ष्मी पैदा होते ही लखपति बन रही है तो इसलिए यह केस कम हो गए। लिंग अनुपात में सुधार हुआ है।