कागज और कलम की मोहब्बत है सबसे न्यारीएक बयां करता है, दूजा महसूस…
.ख़ामोशी से की गयी दोनों की गुफ़्तगूकोई अफसाना बन जाती है….
अगर ना होती कलम श्यामल सी स्याहतो कागज़ कोरा ही रहता सदा…!!
कलम अपने दर्द और भावनाओं को उकेरती है!
कागज ख़ामोशी से सब कुछ समा लेता है खुद में!!
दोनों का ये मेल बड़ा अनोखा होता है
कलम अपनी जादूगरी दिखाती है
तो कागज अपने समर्पण और धैर्य से
इस रिश्ते को अल्फाज़ में बदल देता है!!
इस तरह वक़्त की स्याही से
कागज और कलम
नई कहानी, कविता,प्रेम या क्रांति की इबारत लिख देते हैं
जो सदियों तक सहेजे जाते हैं,
तो कभी कलम और कागज सेसदियां सहेजी जाती हैं!!!
कवयित्री पूनम भास्कर “पाखी“
डिप्टी कलेक्टर यूपी