भोपाल/। नया साल पेंशनरों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। अब उनकी पेंशन दोगुनी होने की पूरी संभावना बन चुकी हैं। इसकी वजह है केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय को न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसकी वजह से अब एम्पलाईज पेंशन स्कीम 1995 के दायरे में आने वाले एक लाख अंशदाताओं एवं पेशंनरों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए दूसरी अच्छी खबर आयी है सुप्रीम कोर्ट से।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ द्वारा हायर पेंशन को लेकर धारा 26-6 एवं 11-3 के विकल्प पेश करने के प्रावधान को खारिज कर दिया गया है। गौरतलब है कि फिलहाल ईपीएफ के अंशदाताओं एवं पेंशनरों को न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए तक ही दी जा रही है। हाल ही में भेजे गए प्रस्ताव में इसे दोगुनी कर 2000 रुपए करने की अनुशंसा की गई है। एम्पलाइज नेशनल को-आॅर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव चंद्रशेखर परसाई के मुताबिक संगठन की मांग पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस संबध में केन्द्रीय श्रम मंत्री को चिट्ठी लिखी है। खास बात यह है कि यह पहला मौका है जब पहली बार किसी सीएम ने श्रम मंत्रालय को इस बारे में पत्र लिखा है।
इस पेंशन के दायरे में आते हैं यह कर्मचारी
यह पेंशन पाने वालों के दायरे में निजी कंपनियों, कारखानों, केंद्र के सार्वजनिक उपक्रमों, निगम मंडलों, सहकारी संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, परिषदों व संविदा पर कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी और वे सभी जिनका ईपीएफ कटता है,आते हैं। फिलहाल प्रदेश में ऐसे 40 लाख से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी एवं 4 लाख से ज्यादा पेंशनर्स हैं।
यह कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के जज एएम शफीक और गोपीनाथ पी. ने 37 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आदेश दिए कि धारा 11-3 के तहत हायर पेंशन के विकल्प की शर्त को खारिज कर दिया है। सर्वाेच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि पूर्ण वेतन पर ईपीएफ अंशदान दिया गया है तो पूरे वेतन पर ही हायर पेंशन की पात्रता बनेगी। डबल बेंच ने आरसी गुप्ता समेत एक अन्य मामले में दिए गए आदेश का उल्लेख भी किया। यह भी कहा कि अब इन याचिकाओं पर सुनवाई फुल बेंच करेगी।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी दायर हैं पांच याचिकाएं
सेवा निवृत कर्मचारी भविष्य निधि कल्याण समिति द्वारा 1 सितंबर 2014 के बाद रिटायर हुए एवं होने वाले कर्मचारियों को हायर पेंशन देने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट में पांच अलग- अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। इन पांच याचिकाओं 1045 अंशदाता एवं पेंशनर्स शामिल हैं। इन याचिकाओं को लेकर 29 निगम- मंडलों एवं संस्थाओं को उच्च न्यायालय से नोटिस भी जारी हो चुक हैं। इसके बाद संबंधित कर्मचारियों की पड़ताल भी की गई है।