सरकार का यह कृत्य जनजीवन से खिलवाड़, भोपाल से आने वाले कंटेनरों को रोके आम नागरिक
इंदौर। वरिष्ठ समाजवादी नेता रामबाबू अग्रवाल एवं समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश के महासचिव रामस्वरूप मंत्री ने यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाए जाने का कड़ा विरोध किया है। आज यहां जारी बयान में दोनों नेताओं ने कहा है कि इस कचरे को पीथमपुर में नष्ट किए जाने की सरकार की कोशिश पूरे इंदौर संभाग के लोगों के जीवन से खिलवाड़ है । सरकार की इस जन विरोधी कार्यवाही का इंदौर की जनता विरोध करेगी और भोपाल से पीथमपुर आने वाली कंटेनरों को रोकने का काम करेगी।
आपने कहा कि भोपाल में हुए गैस त्रासदी के चार दशक बाद कार्बाइड फैक्ट्री से 377 मीट्रिक टन खतरनाक कचरे को हटाने की तैयारी चल रही है। जहरीले कचरे को नष्ट करने का ये तरीका इंदौर के साथ ही आसपास के इलाकों को प्रदूषित कर देगा।
गौरतलब है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने में कड़ी सुरक्षा के बीच जहरीले कचरे की लोडिंग की जा रही है। इसमें करीब 100 पुलिसकर्मियों समेत 400 से अधिक जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी लगे हैं। कचरा 3 जनवरी से नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
श्री अग्रवाल व श्री मंत्री ने कहा कि अगर यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जला तो आने वाले समय में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज इसी इलाके में होंगे। यहां कचरा जलाया जाएगा तो ये जहर पानी में भी मिलेगा। समस्या पीथमपुर के लिए ही नहीं. इंदौर के लिए भी पैदा होने वाली है। पीथमपुर का जहरीला पानी यशवंत सागर डैम में मिलेगा, फिर गंभीर नदी में होकर चम्बल एवं क्षिप्रा में जा रहा है। इस डैम से इंदौर में पानी सप्लाई होता है इसके बाद यहां भी गंभीर बीमारियां फैलेंगी।
गौरतलब है कि 4 दशक पहले 23 दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्ट्री से अत्यधिक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट लीक होने की वजह से 5 हजार 479 लोगों की मौत हो गई थी और 5 लाख से अधिक लोग सेहत संबंधी समस्याओं और विकलांगताओं से ग्रसित हो गए थे।
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