एस पी मित्तल, अजमेर
संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में फंसे जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करवाने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने और दबाव बढ़ा दिया है। 29 अप्रैल को सीकर में गहलोत ने कहा कि एसओजी ने शेखावत और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को मुल्जिम मान लिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि भ्रष्ट शेखावत को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल क्यों कर रखा है? गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल शेखावत को मंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी को सबूत चाहिए तो वे उन से ले सकते हैं। घोटाले में शामिल शेखावत के मित्र जेल में है। जल्द ही शेखावत को भी जेल जाना पड़ेगा। गहलोत ने कहा कि यदि शेखावत ईमानदार हैं तो फिर उन्होंने कोर्ट से अपनी जमानत क्यों करवाई। संजीवनी घोटाले से जो आय हुई उसे इथोपिया में निवेश किया है। सोसायटी के पदाधिकारी भी इथोपिया गए थे। गहलोत ने कहा कि यदि शेखावत में थोड़ी भी शर्म है तो उन्हें खुद मंत्री पद से इस्तीफा देकर संजीवनी के निवेशकों को पैसा वापस करना चाहिए। संजीवनी में लोगों की जमा पूंजी शेखावत के कारण ही डूबी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि शेखावत ने गत लोकसभा का चुनाव सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत से जीता था। शेखावत ने चार लाख मतों से गहलोत को हराया था। तभी से गहलोत और शेखावत में राजनीतिक जंग चल रही है जो अब व्यक्तिगत संघर्ष में बदल गई है। गहलोत के आरोपों को लेकर शेखावत ने दिल्ली कोर्ट में मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कर रखा है।
29 अप्रैल को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर में विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पायलट ने कहा कि यह सामान्य मुलाकात थी और इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र सरकार देश में डर और भय का वातावरण बना रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत तय है। वहीं पायलट की सीपी जोशी से मुलाकात को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पायलट ने गत 11 अप्रैल को जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच करवाने की मांग को लेकर अनशन किया था, तब प्रदेश प्रभारी रंधावा ने पायलट के अनशन को अनुशासनहीनता बताया था। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में पायलट ने सीपी जोशी से मुलाकात की है। जोशी भले ही विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे हों, लेकिन कांग्रेस की राजनीति में जोशी का पूरा दखल है।