जयपुर। अपनी सरकार और आलाकमान को लगातार चुनौती देने के बावजूद कांग्रेस सचिन पायलट पर इसलिए कार्रवाई नहीं कर रही है, क्योंकि उनका राज्य की 78 से अधिक सीटों पर दबदबा है। ऐसे में सचिन पायलट पर कार्रवाई की जाती है या वे अलग पार्टी बनाते हैं तो इन सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। इसलिए राहुल गांधी कई बार पायलट के संबंध में यह कह चुके हैं कि वे पार्टी की अहम सम्पत्ति हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पायलट ने वसुंधरा के गढ़ पूर्वी राजस्थान में सेंध लगाते हुए यहां की 58 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 8 सीटों पर समेट दिया था। वहीं अजमेर, नागौर, बाड़मेर की करीब 20 सीटों पर पायलट का दबदबा है। इसके अलावा गुर्जर खेमे में भी पायलट की जबरदस्त पकड़ है, जो लगभग 58 सीटों को प्रभावित कर सकती है। पार्टी आलाकमान ने पायलट और गहलोत में सुलह कराने के कई प्रयास किए, लेकिन सभी प्रयास विफल साबित हुए।
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