-मंजुल भारद्वाज
जो यह कहता है
कि राजनीति से
मेरा कोई लेना देना नहीं है
वो झूठा है
मक्कार है
फ़रेबी है
आत्मघाती है !
बुद्धिजीवी ,लेखक
रंगकर्मी ,पत्रकार
कलमकार ,डॉक्टर, वकील
वैज्ञानिक, तकनीकी व्यक्ति
जो कहता है
राजनीति से दूर रहो
वो मूर्ख
प्रपंची,कपटी और धूर्त है !
कान खोल के सुनो
मनुष्य बोध के साथ
शरीर लिए जीने वालों
राजनीति से तुम्हारा
सम्बन्ध वैसा है
जैसा आपके शरीर में
चलती हुई सांस का !
राजनीति प्रकृति के बाद
मानव या प्राणी कल्याण की
सबसे पवित्र नीति है
इसे धूर्तों ने षड्यंत्र वश
गन्दा किया है
इसे गंदगी से भर दिया है
क्योंकि पढ़े लिखे लोगों ने
दो जून की रोटी के लिए
अपने राजनैतिक अधिकार को
झूठे, जुमलेबाज़ों,गुंडों
धर्मांध गंवारों को बेच दिया है !
शर्म आती है कभी आपको
पढाई में अव्वल आने वालों
संविधान की कुर्सी पर बैठने वालों
एक तड़ीपार गुंडे को सलाम
ठोकते हुए !
लज्जा नहीं आती तुम्हें
औ संविधान के रक्षकों
सत्यमेव जयते के संरक्षकों
एक झूठे को
झंडे की सलामी देते हुए !
क्या तुम्हारे ज़हन में
उन करोड़ों स्वतंत्र सेनानियों की
क़ुरबानी नहीं उभरती ?
नहीं कौन्धते उन पर हुए ज़ुल्म
यातना और जलालत !
अरे देश के साथ
धोखा करने वाले
कुलीन, सभ्य,
शिक्षित संस्कारियों
राजनीति गंदी होती तो
करोड़ों सवतन्त्रता सेनानी उसमें हिस्सा लेते !
जागो
देखो अपने महल
चौबारों, झोंपडों से झांक कर
सड़क,फूटपाथ,गली
बिजली,स्कूल,पानी
रेल,विमान,चंद्रयान
यह सब राजनीति है
क्या इनका उपयोग आप नहीं करते?
क्या कहा
यह राजनीति है
हाँ यह राजनीति है
पर यह तो हमारा संवैधानिक अधिकार है
जहाँ संविधान है
जहाँ अधिकार है
उसका मूल राजनीति है !
आपने चंद गुंडों के बाहुबल को
राजनीति मान लिया
चंद धनपशुओं के धन को
राजनीति मान लिया
यह राजनीति नहीं
आपको राजनीति से दूर करने के
छल और बल हैं !
हाँ आपका रूठ जाना लाज़मी है
शादी बयाह में रूठे फूफा की तरह
हाँ बोलिए
राजनीति से क्या मिलता है
लोग मर रहे हैं
बेरोजगार है
गरीब है
आज़ादी के इतने साल बाद
देश का क्या हुआ
गांधी ने क्या किया
नेहरू ने क्या किया
कौन आम्बेडकर
क्या किया उन्होने …
बताओ ..बताओं…
यह सवालों की बौछार
लगाने वाले मुंहबली इंकलाबियों
तुमने क्या किया ?
आज़ादी से अब तक
अपना पेट भरने
घर बनाने
सरकारी नौकरी करने
या देश के संसाधनों को
लूटने के सिवा ?
राजनीति की ताक़त
समझो
राजनीति के मंथन से निकले
संविधान ने आपको
भारत का मालिक बनाया है
‘हम भारत के लोग’ का
अर्थ यही है
हे चेतना शून्य प्राणियों
अब तो चेतना जगाओ
इस देश के मालिक होने का
फर्ज़ अदा करो !
राजनीति का मतलब
राजनैतिक पार्टियाँ नहीं होता
राजनीति का मतलब है
संविधान सम्मत चेतना से
सजग नागरिक !