इन्दौर: मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर और इंदौर नगर पालिक निगम की आयुक्त युवा महिला आईएएस अधिकारी प्रतिभा पाल (2012) देश में सर्वाधिक सफल महिला आईएएस अधिकारियों में जल्द ही ख्यातिनाम हो जाएंगी, क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इंदौर शहर को लगातार चौथी बार पहला स्थान मिला है और अब इस खिताब को कायम रखने के लिए उक्त महिला आईएएस अधिकारी ने अपनी जान की बाजी लगा दी है। बता दें कि प्रतिभा पाल ने एक महीना पहले ही नवजात शिशु को जन्म दिया है, जिसमें उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है, परन्तु प्रतिभा उन नौकरशाहों में भी नंबर-1 निकलीं जो डिलेवरी के दसवें दिन ही काम पर लौट आईं।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणामों को घोषित करते हुए जब इंदौर शहर को देश में सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया तो पूरे देश में पदस्थ नगर निगमों के आयुक्तों ने अलग-अलग तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिर 35 लाख की घनी आबादी वाले इस शहर में ऐसा क्या चमत्कार हुआ, जिसकी वजह से इंदौर शहर को देश में सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। इस प्रतिनिधि की पड़ताल से पता चलता है कि नंबर-1 घोषित होने के पीछे उक्त महिला आईएएस अधिकारी एवं उनकी टीम का प्रतिबद्धता के साथ जनता की जागरूकता से जुड़ा रहना ही सबसे बड़ा कारण है।
एक लंबी मुलाकात में नगर निगम इंदौर की आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि सिटीजन फीड बैक, वेस्ट रक्षण, रेवेन्यू कलेक्शन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, जीरो वेस्ट कॉलोनी तथा सिटी फारेस्ट के निर्माण के साथ-साथ सीवेज पाइप लाइन में बहने वाली 170 किलोमीटर ट्रीटमेंट के साथ-साथ पानी की उपलब्धता ने स्वच्छता के नाम पर 7 स्टार रेटिंग हासिल करने में हमें सफलता दिलाई है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि सीवरेज का उपचारित साफ पानी इंदौर में मदर रीवर के रूप में छह सेक्टर में बह रहा है। प्रतिभा पाल ने कहा कि हम उक्त पानी से इंदौर के चप्पे-चप्पे में स्वच्छता का जुनून कायम करने में कामयाब हुए हैं। प्रतिभा पाल के अनुसार कबीटखेड़ी में 245 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट उक्त छह सेक्टर के गांवों के लगभग 400 किसानों की 2000 हेक्टर भूमि में सिंचाई कर सकता है, जिसकी वजह से किसानों की आर्थिक उन्नति होगी। अभी तक यहां किसान केवल बोरिंग व कुंओं से अल्प मात्रा में ही सिंचाई करते थे। उन्होंने बताया कि उपचारित पानी के लिए 75 हाईड्रेंट बनाए गए हैं। यूं कहा जाए कि देश में प्रदूषण के मामले में रेटिंग होने वाला शहर इंदौर अब स्वच्छता के मामले में सुकून की सांसें लेता है, जहां पर स्वच्छता के साथ-साथ शहर के हर बगीचे को संपूर्ण हरियाली में बदल दिया गया है। आप यह जानकार चौंक जाएंगे कि संपूर्ण कोरोना काल में अर्थात एक वर्ष प्रतिभा पाल के नेतृत्व में निगम के अमले ने आम आदमी को तकलीफ होने नहीं दी। जहां जरूरत पड़ी, वहां राशन पहुंचाया, जहां जरूरत पड़ी, वहां किराने का सामान और फल-सब्जी और दवाई तक पहुंचाया।
प्रतिभा पाल ने यह भी कहा कि उन्हें अपने फ्रंट लाइन टीम पर गर्व है, जिन्होंने कोविड-19 के सर्वाधिक कष्टदायक काल में अपनी जान की बाजी लगाकर आम जनता को राहत पहुंचाई और विकास कामों को नहीं रूकने दिया। प्रतिभा पाल ने एक सवाल के उत्तर में कहा कि इस वर्ष इंदौर नगर पालिक निगम ने 450 करोड़ की राजस्व भी अर्जित की है। यह कोरोना काल में हमारे लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने जैसा काम था, क्योंकि इसी वजह से चालू काम (आउट गोइंग प्रोजेक्ट्स) रूके नहीं और यह बात सही है कि नए काम (न्यू प्रोजेक्ट) नहीं लिए गए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में 16 स्थानों पर हमने इंदौर की पुरानी धरोहर (हेरिटेज) को बचा लिया है। जिसके सौंदर्यकरण का काम भी पूरा हो गया है। प्रतिभा पाल ने अंत में कहा कि इंदौर शहर जितना स्वच्छ है, उतना ही सरोकारों में बेहतर और सुंदर भी है। बस एक ही समस्या से निजात पाने की जरूरत है वह है अनियंत्रित ट्रैफिक, जिसका इलाज फ्लाई ओवर और मेट्रो आने के बाद ही संभव है। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि जिस जज्बे और जुनून के साथ इंदौर नगर निगम की टीम जुटी हुई है उससे ऐसा लगता है कि 2021 में भी इंदौर शहर को पूरे देश में स्वच्छ शहर में नंबर-1 बने रहने में कोई नहीं रोक पाएगा।