आचार्यश्री सन्मतिसागरजी महाराज के आषीर्वाद एवं चतुर्थ पट्टाधीष आचार्यश्री सुनीलसागर जी महाराज की प्रेरणा से स्थापित आचार्य आदिसागर (अंकलीकर) अंतर्राष्ट्रीय जागृति मंच मंुबई द्वारा जिनवाणी के प्रचार-प्रसार में अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं मुनिकुंजर आचार्यश्री आदिसागर अंकलीकर परम्परा के उन्नयन में योगदान करने वाले विद्वानों, पत्रकारों, जैन विद्या के अनुसंधान कर्ताओं और समाजसेवा में तथा त्यागी-व्रती सेवा में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदान किये जाने वाले सन् 2022 के प्रतिष्ठित पाँच अंकलीकर पुरस्कार समर्पित किये गये।
पूज्य गणेश प्रशाद वर्णी का 150वाँ जन्म महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में और गणेशवर्णी दिगम्बर जैन संस्कृत विद्यालय मोराजी से आचार्य सुनीलसागर जैसे अनेक मुनिराजों व विद्वानों की विद्यार्जन स्थली होने के कारण इस विद्यालय व इसमें अध्यापन करने वाले शिक्षकों को सन् 2022 के अंकलीकर पुरस्कार समर्पित किये गये।
1. आचार्य आदिसागर (अंकलीकर) विद्वत् पुरस्कार पण्डित विजय कुमार जैन साहित्याचार्य, पिडरुआवाले, सागर को प्रदान किया गया।2. आचार्य महावीरकीर्ति समाज सेवा पुरस्कार पण्डित भागचंद्र जैन साहित्याचार्य को, 3. आचार्य विमलसागर शोधानुसंधान पुरस्कार पण्डित वीरेन्द्र कुमार जैन शास्त्री, नागपुर को, 4. तपस्वीसम्राट् आचार्य सन्मतिसागर पत्रकारिता पुरस्कार पण्डित नन्हेभाई जैन शास्त्री, जूना वाले, सागर को और 5. प्रथमगणिनी आर्यिका श्री विजयमती त्यागी सेवा पुरस्कार श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्कृत विद्यालय वर्णी भवन, मोराजी को प्रदान किया गया है। प्रत्येक पुरस्कृत विशिष्ट व्यक्तित्व को 51 हजार रु. की नगद राशि, शाल-श्रीफल, प्रतीक चिह्न व प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। इन पुरस्कारों के पुण्यार्जक क्रमशः श्री जयंतीलाल जी भगवती जी विनोद जी रजावत उदयपुर परिवार, श्री सुमेरमल अजयकुमार अरविन्द कुमार चूड़ीवाल, कोलकाता, श्री तेजपालजी सुरेन्द्र जी तलाटी, नरवाली परिवार उदयपुर, श्री शांतिलाल जी विमल कुमार जी कमलकुमार जी कासलीवाल परिवार मुंबई और श्री रिखबचंद जी अजित जी श्री कमल जी कासलीवाल परिवार सेलम हैं।
ये पुरस्कार चतुर्थ पट्टाधीश प्राकृतशिरोमणि आचार्यश्री सुनीलसागर जी मुनिराज के 46वें दीक्षा दिवस के अवसर पर श्री भट्टारकजी की नसियां, जयपुर में दिनांक 7 अक्टूबर 2022 को एक भव्य समारोह में प्रदान किये गये।