बुलंदशहर
किताबों में हमने जरूर पढ़ा होगा जब रामायण-महाभारत काल में युद्ध खत्म हो जाता था, तब दोनों सेनाएं और उनके सेनापति आपस में मिलते थे। एक-दूसरे का हाल-चाल पूछते थे। लेकिन ये तो गए जमाने की बात हो गई। आज की राजनीति में हर कदम के मायने होते हैं और माना जाता है कि चुनाव में नेता कुछ भी बिना राजनीति के नहीं करते। तो फिर समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव-रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी और प्रियंका गांधी के बुलंदशहर में आमने-सामने होने, अभिवादन करने के क्या अर्थ हैं?
बुलंदशहर के कस्बा जहांगीराबाद में अखिलेश-जयंत रोड शो कर रहे थे। इस दौरान अखिलेश-जयंत अपने रथ की छत पर खड़े थे। इसी दौरान सामने से प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला आ गया। अखिलेश-जयंत का सामना प्रियंका गांधी से हुआ। फिर क्या था, नेताओं ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर प्रणाम किया, मुस्कुराए और हाथ हिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन किया।
अखिलेश यादव ने हाथ हिलाकर प्रियंका का अभिवादन किया।
इसके बाद अखिलेश का काफिला आगे निकल गया और प्रियंका गांधी अपने रास्ते पर चल दीं। पीछे रह गई चर्चाएं। क्योंकि, इसके पहले कांग्रेस-सपा में दो-दो सीटों का समझौता हो चुका है। प्रियंका ने अखिलेश और शिवपाल की सीट से उम्मीदवार न खड़ा करने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि इसके बदले रायबरेली और अमेठी से सपा उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी।
महिलाओं ने प्रियंका को भेंट की तिरंगा वाली चूड़ियां
अखिलेश-जयंत का सामने होने के बाद प्रियंका काफिले के साथ आगे बढ़ीं। प्रियंका गांधी ने भीगते हुए कार की छत पर बैठकर कैंपेन किया। उनके साथ समर्थक भी थे। प्रियंका का काफिला बारिश के दौरान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। वह रास्ते में रुक कर लोगों से मुलाकात करते हुए आगे बढ़ रही थीं। रोड के दोनों तरफ प्रियंका को देखने के लिए भारी भीड़ जमा थी।
प्रियंका जैसे ही अपने काफिले के साथ उनके बीच में पहुंची। लोगों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। महिलाओं ने प्रियंका को तिरंगा वाली चूड़ियां भेंट कीं। प्रियंका ने भी हंसते हुए हाथों में चूड़ियां पहनकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने लोगों से कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट दने की अपील की।
प्रियंका गांधी ने बारिश के दौरान कार पर बैठकर कैंपेन किया। उनके साथ समर्थक भी थे।