-सुसंस्कृति परिहार
कांग्रेस की स्टार प्रचारक राष्ट्रीय महासचिव का चुनावी दौरा आज दमोह से प्रारंभ हुआ उन्होंने ना तो पंजे के बटन को दबाने की बात की और ना विधायक प्रत्याशी अजय टंडन को जिताने कहा।उन्होंने बड़े ही सौम्य और भावपूर्ण लहज़े में दमोह से हो रहे पलायन,पानी की किल्लत तथा महिलाओं पर बढ़े बोझ को बताते हुए इस हालत के जिम्मेदार श्रोताओं को ही बताया कहा वे जिम्मेदार हैं इन हालातों के लिए वे जागरूक नागरिक बनें तथा अपनी बात रखना सीखें।
दमोह में एक लंबे अर्से बाद मतदाताओं को जागरूकता का मंत्र देकर प्रियंका ने महिलाओं से कहा कांग्रेस के 33%महिला आरक्षण की बदौलत आज पंचायतों,नगर निकायों में हर जाति की महिला नज़र आती है।अभी हाल में लोकसभा और विधानसभा के लिए वर्तमान सरकार ने 33%आरक्षण का बिल बनाकर पास कराया है वह दस साल बाद लागू होगा आज क्यों नहीं। लाड़ली बहना योजना के बारे में कहा यह चुनाव के दौरान क्यों लाई गई अठारह साल पहले क्यों नही?
प्रियंका ने किसी नेता पर सीधे सीधे निशाना ना साधते हुए जनता जनार्दन से अपील की कि वे अपने बदहाल हालत पर विचार करें जो बड़े बड़े विकास आपको दिखाएं और गिनाए जा रहे हैं उनसे आपको क्या मिला है मैं आपसे कांग्रेस को वोट डालने कहने नहीं आई हूं मैं चाहती हूं आप अपने विकास के बारे में खूब सोचें बार बार सोचें और फिर वोट करें। ताकि राज्य और देश के विकास के साथ साथ आपका विकास हो ।जनकवि शलभ श्रीराम सिंह जी की ये पंक्तियां आज प्रियंका के भाषण में साफ़ नज़र आई
तसल्लियों के इतने साल बाद/अपने हाल पर/निगाह डाल,सोच और सोचकर/सवाल कर।
तू इनकी झूठी बात पर/ना और ऐतबार कर/सवाल कर।
वस्तुत: दमोह विधानसभा के चुनाव हमेशा सद्भाव पूर्ण माहौल में होते रहे हैं मतगणना के समय ज़रुर तनातनी और हेराफेरी की बातें सामने आईं।इस बार तो दो ऐसे प्रत्याशी आमने-सामने हैं जिनका याराना एक सदी पुराना है कांग्रेस जब पिछला चुनाव जीती थी तो कहा गया था कि वर्तमान भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस को जिताया था इसका खामियाजा उन्हें भुगतना भी पड़ा।इस बार शिवराज सरकार ने दलबदलू राहुल सिंह जगह चूंकि पुनः उन्हें प्रत्याशी बनाया है इसलिए भाजपा दो फाड़ है।राहुल सिंह जिन्होंने कांग्रेस के साथ गद्दारी कर भाजपा से हाथ मिलाया था आज भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ जाकर गद्दार के फतवे से बाहर आने की कोशिश में लगे हैं।वैसे पिछड़े वर्ग का वोट बैंक भाजपाई नेता हुकुम सिंह लोधी और कांग्रेस की जातीय गणना की घोषणा से कांग्रेस में आने के संकेत मिल रहे हैं इसलिए कांग्रेस का पहले से मजबूत वोट-बैंक और मज़बूत हुआ। दमोह का इतिहास बताता है कि यहां कांग्रेस हमेशा भाजपा के साथ लगभग बराबरी पर रही है। सिर्फ कांग्रेस 150से लेकर 1500 वोट से परास्त हुई है।अब तो लहर भी भाजपा के विरुद्ध चल रही है। भाजपाई भी एक ही चेहरे से असंतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।अंदर अंदर भीतरघात चल रहा है।
इधर कांग्रेस एकजुट है उसमें प्रियंका ने जिस तरह आज मतदाताओं को समझाइश दी वह चुनाव के दौरान महिला मतदाताओं को अपने खेमे में खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।एक नए जोश से भर दिया उन्होंने अवाम को ‘अपने हाल पर निगाह डाल।’ आमीन ।