ओमप्रकाश मेहता
भारत सरकार ने अगले डेढ़ सौ दिनों के लिए अंतरिम बजट प्रस्तुत कर दिया है, जिसमें न किसी नए टेक्स का प्रावधान है और न किसी तरह की राहत का एलान। सरकार ने जहां जुलाई माह में देश की आर्थिक मजबूती के लक्ष्य की घोषणा का जिक्र किया, वहीं इस चुनावी बजट में ऐसा भी कोई कदम नहीं उठाया जिससे मतदाता को मौजूदा आर्थिक चिंता से मुक्ति मिल सके। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लगभग 14 लाख करोड़ के घाटे का बजट प्रस्तुत किया, जिसमें 44.90 लाख करोड़ के खर्च और 30 लाख करोड़ की आय का जिक्र है, साथ ही राजकीय घाटे का अनुमान 5.1 फीसदी अनुमानित है।
इन घोषणाओं के साथ वित्तमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के ‘‘जय जवान- जय किसान- जय अनुसंधान’’ नारे का जिक्र करते हुए देश के विकास के हर लक्ष्य को पूरा करने का विश्वास व्यक्त किया। साथ ही यह कई बार दोहराया कि जुलाई के पूर्ण बजट में विकास की पूरी तस्वीर पेश की जाएगी।
वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में बजट का आर्थिक आंकड़ा चाहे विस्तार से प्रस्तुत नहीं किया हो, किंतु सरकार के लक्ष्यों का विस्तार से वर्णन अवश्य किया और कहा कि आज से 23 वर्षों बाद (अर्थात् 2047) इस देश का विकास का नक्शा विश्व का सर्वश्रेष्ठ होगा और तब भारत विश्व का प्रथम विकसित देश परिलक्षित होगा वित्तमंत्री ने पिछले दस सालों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दस सालों में हमनें देश में बेहतर अर्थव्यवस्था लागू की है, जिसके कारण सरकारी योजनाएं आम आदमी तक पहुंची है। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाए गए है तथा रोजगार के अवसर ज्यादा विकसित हुए है। सरकार ने हर चुनौती का साहस के साथ मुकाबला कर देश को कई संकटों से मुक्ति दिलाई है। पिछले दस सालों में पच्चीस करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए है। जिनमें 78 लाख सड़क पर व्यापार करने वाले भी शामिल है।
वित्तमंत्री ने बताया कि देश में आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की सुविधा दी जा रही है। स्वरोजगार के लिए युवाओं को 34 लाख करोड़ के ऋण दिए गए है। साथ बारह करोड़ किसानों को भी हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई गई है। महिलाओं उद्यमिता क्षमता 28 फीसदी बढ़ाई गई। आम जनता की औसत आय पचास फीसदी बढ़ी है। मंहगाई को काबू में रखने के सर्वोच्च प्रयास किए गए अगले पांच साल हमारे सर्वांगिण विकास के होगंे।
वित्तमंत्री ने अपने उद्बोधन में हर वग के विकास का दावा पेश करते हुए, उनके लिए भविष्य की योजनाएं प्रस्तुत की।इस तरह कुल मिलाकर यह अंतरिम बजट यथास्थितिवादी रहा, न कोई राहत और न कोई नया कर। अब सब कुछ जुलाई बजट पर निर्भर है।