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राहुल गांधी का राजस्थान दौरा आज से:जाट और किसानों को साधने की रणनीति,

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जयपुर

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार से राजस्थान के दो दिन के दौरे पर आ रहे हैं। वह दो दिन में 4 जिलों में 4 सभाएं और ट्रैक्टर रैली करेंगे। इस दौरान मंदिर पहुंचकर माथा भी टेकेंगे। राहुल के इस दौरे को राजनीतिक प्रेक्षकों ने “एग्रो-स्प्रीच्युअल पॉलिटक्स” का नाम दिया है। बताया जा रहा है कि सॉफ्ट हिंदुत्व मॉडल के तहत राहुल गांधी “टैंपल रन” की तरफ लौटे हैंं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल का दो दिन का दौरा कई तरह के सियासी समीकरण बनाएगा और बिगाड़ेगा भी।

राहुल पहले दिन शुक्रवार की सुबह 11 बजे दिल्ली से स्पेशल प्लेन से सूरतगढ़ पहुंचेंगे। सूरतगढ से कार से 11.30 बजे हनुमानगढ के पीलीबंगा आएंगे। यहां कृषि मंडी में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। दोपहर 1.50 बजे वे गोलूवाला में रुकेंगे जहां कांग्रेस कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। फिर दोपहर 3 बजे श्रीगंगानगर के पदमपुर में किसानों की सभा को संबोधित करेंगे। सभा के बाद वे यहां रवाना होकर श्रीगंगानगर पहुंचेंगे जहां रात्रि विश्राम करेंगे।

वहीं, 13 फरवरी की सुबह श्रीगंगानगर से सूरतगढ जाएंगे। सूरतगढ से प्लेन से रवाना होंगे और दोपहर 12 बजे के करीब किशनगढ़ एयरपोर्ट पर उतरेंगे, एयरपोर्ट पर आधा घंटा रिजर्व रखा है। दोपहर 1 बजे किशनगढ शहर में स्वागत कार्यक्रम है। यहां वे 1:30 बजे पास में ही लोक देवता वीर तेजाजी के बलिदान स्थल सुरसुरा मंदिर जाएंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे। तेजाजी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद 2:40 रूपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे। राहुल ट्रैक्टर रैली के बाद 3:30 बजे सीधे नागौर के मकराना में किसान सभाओं को संबोधित करेंगे।

सचिन पायलट समर्थक विधायक के क्षेत्र परबतसर में राहुल की सभा तय होकर टली

सचिन पायलट समर्थक विधायक रामनिवास गावड़िया के क्षेत्र परबतसर में पहले राहुल की सभा प्रस्तावित थी, लेकिन अब संशोधित कार्यक्रम में परबतसर की सभा नहीं होगी। पहले परबतसर में सभा प्रस्तावित थी, अजय माकन और गाेविंद सिंह डोटासरा ने परबतसर में तैयारियों का भी जायजा लिया था। राहलु के आधिकारिक कार्यक्रम में अब सभा का जिक्र नहीं है।

हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर हैं किसान आंदोलन प्रभावित जिले
राहुल का यह दौरा सीधे तौर पर किसान आंदोलन से जुड़ा है। वे जिन चार जिलों में जाएंगे, उनमें से पंजाब से लगा श्रीगंगानगर और हरियाणा से सटा हनुमानगढ़ किसान आंदोलन प्रभावित है। यह नागौर बेल्ट में आते हैं जो कि आजादी के वक्त से ही किसान आंदोलन का केंद्र रहा है।

पायलट के भविष्य को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी
राहुल के दो दिन के प्रदेश दौरे में होने वाली सभाओं में सचिन पायलट को कहां जगह मिलती है, इससे आने वाले दिनों में प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी सियासी समीकरण पता चलेंगे। पायलट के भावी सियासत का नरेटिव भी इस दौरे से तय होगा। कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि पायलट को राहुल गांधी के दौरे मेंं साथ रखा जाएगा और इसके जरिए ही कांग्रेस में एकजुटता का मैसेज देने की कोशिश होगी।

यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट के खेमे में खींचतान अब भी जारी है। सचिन पायलट की बगावत और सुलह के बाद राहुल गांधी का यह पहला दौरा है। ऐसे में सचिन पायलट को इस दौरे में मिलने वाले महत्व से राजस्थान में कांग्रेस की आगे की सियासत तय होगी।

जाट और किसान राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक
राहुल का 13 फरवरी का दौरा सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस दिन के दौरे की शुरुआत लोकदेवता वीर तेजाजी के बलिदान स्थल सुरसुरा मंदिर से करेंगे। जाट और कई किसान जातियों की सुरसुरा धाम में गहरी आस्था है। राहुल का सुरसुरा मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करना इन्हीं जातियों के वोट बैंक को मैसेज देने की कवायद है। जाट और कई किसान जातियां कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक हमेशा से रही हैं।

बताया जा रहा है कि किसान के वोट बैंक में बीजेपी सेंध लगा चुकी है। राहुल अपने इस दौरे में किसानों को अपने पाले में करने की कोशिश करेंगे। राजस्थान में नागौर जाट-किसान राजनीति का सेंटर माना जाता है। बताया जाता है कि इसी वोट बैंक को साधने के लिए राहुल गांधी के दौरे में टैंपल रन, ट्रैक्टर रैली और किसान सभाओं का कॉकटेल किया गया है।

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