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रणबीर-आलिया के दो बार लौटने पर भी नहीं हुए महाकाल के दर्शन

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उज्जैन

मंगलवार शाम महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आए बॉलीवुड कपल आलिया भट्‌ट और रणबीर कपूर को हिंदू संगठनों के भारी विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा। सवा घंटे उज्जैन में रहे रणबीर-आलिया दो बार महाकाल मंदिर जाने के लिए निकले, लेकिन लगातार हंगामे की वजह से आलिया ने जाने से मना कर दिया। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह हंगामे को रोक नहीं सके।

प्रेग्नेंट होने की वजह से आलिया ने हंगामे के बीच मंदिर जाने का रिस्क नहीं लिया। डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने ही अकेले महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन किए। हिंदू संगठनों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध जताया। तीनों अपनी अपकमिंग मूवी ‘ब्रह्मास्त्र’ की सक्सेस के लिए महाकाल से आशीर्वाद लेने आए थे।

जानिए, सवा घंटे उज्जैन में रहे कपल की पूरी कहानी…
मंगलवार शाम 5 बजे रणबीर, आलिया, अयान और टीम के कुछ मेंबर मुंबई एयरपोर्ट से प्राइवेट जेट में इंदौर के लिए निकले। स्टार कपल शाम 6.30 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर उतरे। इंदौर से शाम 6.55 बजे महाकाल मंदिर के लिए कार से रवाना हुए। उज्जैन आने से पहले कार से ही उन्होंने वीडियो जारी कर कहा- हम आ रहे हैं उज्जैन…।

इधर, हिंदूवादी संगठन महाकाल मंदिर के निर्माल्य गेट पर जमा हो चुके थे। शाम 7.45 बजे जैसे ही गाड़ियों का काफिला इस गेट तक आया, कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा बढ़ता देख कलेक्टर आशीष सिंह ने तीनों को पहले सर्किट हाउस भेजने का फैसला लिया, लेकिन पता चला कि वहां पर भी कार्यकर्ता जमा हैं। इसके बाद अयान, रणबीर, आलिया समेत करीब 10 मेंबर को कलेक्टर के बंगले पर ले जाया गया। यहां तीनों 5 मिनट रुके।

रणबीर और आलिया वापस इंदौर के लिए रवाना हो गए, जबकि रात 8.30 अयान मुखर्जी और टीम के बाकी सदस्यों ने मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। रणबीर और आलिया उज्जैन से 11 किलोमीटर दूर टोल नाके पर पहुंचे होंगे, तभी कलेक्टर ने उन्हें कॉल कर दोबारा उज्जैन बुलवाया। कलेक्टर की बात मानकर दोनों वापस लौटे और एक प्राइवेट होटल में ठहरे।

इधर, अयान मुखर्जी के दर्शन के दौरान हिंदू संगठनों ने फिर हंगामा कर दिया। इसके बाद आलिया ने मंदिर नहीं जाने का ही फैसला लिया। रात 9 बजे सभी इंदौर के लिए रवाना हो गए।

इसलिए हुआ था विरोध
रणबीर-आलिया की अपकमिंग मूवी ‘ब्रह्मास्त्र’ 9 सितंबर को रिलीज होना है। इसके डायरेक्टर अयान मुखर्जी हैं। रणबीर के 2011 में दिए गए इंटरव्यू की क्लिप वायरल हुई। इसमें वे कह रहे हैं कि उन्हें बीफ (गोमांस) खाना बहुत पसंद है। उन्होंने कहा था, ‘मुझे मटन, पाया, बीफ, रेड मीट बहुत पसंद है। मुझे बीफ खाना बहुत पसंद है।’ हालांकि, ये भी दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो को एडिट किया गया है। इस क्लिप के आधार पर ही बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने विरोध जताया। हिंदू संगठनों का कहना था, बीफ खाने वाले को मंदिर में प्रवेश कैसे दिया जा रहा है, प्रशासन को जवाब देना होगा।

पुलिस ने खदेड़ा, पीटा, लेकिन विरोध पर डटे रहे
हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने खदेड़ा भी, लेकिन वे विरोध पर डटे रहे। कार्यकर्ता काले झंडे लेकर पहुंचे थे। कार्यकर्ता ने हाथापाई के दौरान सीएसपी ओपी मिश्रा और महाकाल थाना टीआई मुनेंद्र गौतम की कॉलर पकड़ ली थी। इस पर पुलिस ने कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया था। एएसपी इंद्रजीत सिंह ने बताया टीआई की वर्दी के बटन टूट गए। कार्यकर्ता अध्यक्ष की बात नहीं मान रहे थे। मारपीट करने वाले के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया है। एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि घटना में महाकाल थाने के एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया है। पुलिस ने हिंदू संगठन के एक कार्यकर्ता पर केस दर्ज कर लिया है।

कार्यकर्ता की पिटाई के बाद थाना घेरा
हाथापाई के बाद कार्यकर्ता और भड़क गए। टीआई को लेकर कार्यकर्ताओं ने थाने पर भी हंगामा किया। बजरंग दल के नेता अंकित चौबे ने कहा कि हिंदूवादी संगठन के महेश कुमावत से धक्का-मुक्की कर अभद्रता की गई। हमारे कार्यकर्ता को सरेआम पीटा, ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए, क्योंकि हम रणबीर को लेकर शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे और इतना ही कहना था कि गोमांस खाने की बात करने वाले को मंदिर में नहीं घुसने देंगे।

जिम्मेदारों के बयान भी जान लीजिए…

गृहमंत्री बोले- एक्टर को भी भावनाएं आहत करने वाले बयान नहीं देना चाहिए
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस विवाद पर कहा कि प्रदर्शन होना अलग विषय है। दर्शन के लिए कोई रोक नहीं थी। उनके साथ के लोगों ने दर्शन किए। वहां पूरी व्यवस्था थी। प्रशासन ने रणबीर-आलिया से भी चलने का आग्रह किया गया था, लेकिन वो नहीं गए। एक्टर को भी भावनाएं आहत करने वाला बयान नहीं देना चाहिए।

आगे से VVIP गेस्ट को अलग से सिक्योरिटी दी जाएगी- कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हमारे पास पहले इनपुट आया था, हिंदूवादी संगठनों से बात हुई थी तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि कोई प्रदर्शन नहीं होगा। इसीलिए तैयार नहीं थे। श्रद्धालु को दर्शन करने का अधिकार है। भविष्य में इस तरह के VVIP गेस्ट के लिए अलग से सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।

SP बोले- प्रदर्शन रोकने की कोई स्थिति नहीं थी, ये सामान्य प्रक्रिया
SP सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि अभद्रता करने पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता दिलीप लोहार पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस की नाकामी नहीं है। संगठन विरोध-प्रदर्शन करने पहुंचे थे, इसे रोकने की कोई स्थिति नहीं थी। लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन एक सामान्य प्रक्रिया है। हां, इसकी एक सीमा और मर्यादा होती है।

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