धार
नगर के त्रिमूर्ति चौराहे पर स्थित अभिव्यक्ति स्थल पर जारी प्रदर्शन के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सोमवार को रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। महिला कर्मचारियों ने कलेक्टर कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की व सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाने के लिए सड़क पर ही नारों की रंगोली बनाई। कर्मचारियों की माने तो एक सप्ताह से प्रतिदिन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, इसके बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में सड़क पर नारे लिखे हैं, ताकि सरकार तक उनकी बातें पहुंच जाए।
अधिकारियों को लौटाया
प्रदर्शन के दौरान नारों की रंगोली बनाने के बाद महिला कर्मचारियों ने कक्ष के बाहर ही धरने पर बैठ गई। इस दौरान आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के लिए महिला बाल विकास अधिकारी, एसडीएम व डिप्टी कलेक्टर भी पहुंचे, लेकिन महिला कर्मचारी कलेक्टर से मिलने की बात कहकर अधिकारियों को लौटा दिया। इधर, टीएल बैठक समाप्त होने के बाद कलेक्टर डॉ. पंकज जैन महिला कर्मचारियों से मिलने पहुंचे। जहां पर कलेक्टर ने कहा कि दो मर्तबा पहले ही मांगों का पत्र राज्य शासन को पहुंचाया जा चुका है, सभी मांगे शासन स्तर की है। जिनका निराकरण भी वहां से होगा। ऐसे में महिला कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया व धरना स्थल की ओर रवाना हो गई।
नियमित कर्मचारी का दिया जाए दर्जा
संगठन की जिला अध्यक्ष सोनु राजपुरोहित ने बताया कि अक्टूबर 2018 के घोषणा के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों के मानदेय में 1500 रुपए एवं सहायिका के मानदेय में 750 रुपए की बढ़ोतरी को यथावत लागू कर संपूर्ण एरियर का भुगतान किया जाए। साथ ही आंगनवाडी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता एवं सहायिका को अन्य कर्मचारियों की तरह नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
सभी कार्यकर्ता को 24 हजार रुपए व सहायिका को 18 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय दिए जाने की मांग प्रदर्शन के माध्यम से की जा रही है। इसी तरह सरकार द्वारा पूर्व में की गई घोषणा अनुसार रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि एक लाख व सहायिका को 75 हजार रुपए का भुगतान भी किया जाए। प्रतिदिन धरना स्थल पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धरना दिया जाएगा।