अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

अजमेर में जाटव समाज की वृद्धा की मौत के बाद जेएलएन अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल

Share

एसपी मित्तल अजमेर

2 सितम्बर को भी अजमेर के सरकारी जेएलएन अस्पताल के 250 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। रेजिडेंट डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार एक सितम्बर से ही हो रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का बोझ है। काम के बोझ से दबे रेजिडेंटों ने कोरोना काल में रात दिन मरीजों की चिकित्सा की, इसलिए डॉक्टरों को भी कोरोना वॉरियर्स माना गया। लेकिन 31 अगस्त को अजमेर के जेएलएन अस्पताल में जाटव समाज की 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला हगामी देवी की मौत के बाद अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों का हड़ताल पर चले जाने दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस हड़ताल की वजह से हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के प्राचार्य और अधीक्षक भले ही व्यवस्था को संभालने का दावा करें, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति की भरपाई नहीं की जा सकती है। डॉक्टरों का आरोप है कि हगामी देवी की मौत के बाद परिजनों ने रेजिडेंट डॉक्टर सौरभ शर्मा और त्रिवेंद्र जांगिड़ के साथ मारपीट की। जबकि मृतका के परिजनों का कहना है कि पहले हगामी देवी को आईसीयू में भर्ती किया और फिर बगैर इलाज के ही जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। परिजनों ने किसी वरिष्ठ चिकित्सक को बुलाने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

थोड़ी ही देर में हगामी देवी की मौत हो गई। इस पर जब परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया तो रेजिडेंट चिकित्सकों ने मारपीट की। इतना ही नहीं डॉक्टरों ने पुलिस में भी मुकदमा दर्ज करवा दिया। हालांकि अब मृतक के परिजनों ने भी इलाज में कौताही बरतने मारपीट करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा दिया है। इस घटना में सबसे गंभीर बात यह है कि 31 अगस्त की रात से ही परिजनों ने शव की सुपुर्दगी लेने से मना कर दिया है। जाटव समाज अब दोषी चिकित्सकों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर रहा है। इस संबंध में 2 सितम्बर को यादव, जाटव, भरतपुरयान पंचायत के अध्यक्ष ओम प्रकाश यादव, शहर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप यादव आदि ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर जांच बदलने की मांग की है। समाज की ओर से कहा गया है कि डॉक्टरों और वृद्धा के परिजनों की मेडिकल जांच जेएलएन अस्पताल में करवाने के बजाए किसी स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड से करवाई जाए। क्योंकि यदि डॉक्टरों और परिजनों की जांच जेएलएन अस्पताल में ही करवाई जाती है तो मृतका के परिजन को न्याय नहीं मिलेगा। समाज ने यह भी कहा कि घटना के समय सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जाए ताकि यह पता चल सके कि मारपीट किसने की है।

असल में मारपीट तो डॉक्टरों ने परिजनों के साथ की है। इससे यादव, जाटव समाज में रोष व्याप्त है। यदि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा। वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि यदि मारपीट करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में की जाएगी। चिकित्सकों ने भी सुरक्षा की मांग की है। चिकित्सकों का कहना है कि असुरक्षा के माहौल में काम करना मुश्किल है। अब इस मामले में दोनों पक्षों में तकरार की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि क्षेत्र के डीएसपी प्रियंका रघुवंशी इस प्रयास में है कि दोनों पक्षों में समझौता हो जाए और मरीजों को परेशानी न हो। हगामी देवी के शव की सुपुर्दगी नहीं लेने से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। यादव, जाटव समाज की आंदोलन की जानकारी मोबाइल नम्बर 9929533341 पर प्रताप यादव से ली जा सकती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जेएलएन अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस के नेता प्रताप यादव ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कई पोस्ट डाली थी। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें