मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्रियों के नाम पर सस्पेंस चुनाव नतीजों के चार दिन बाद भी बना हुआ है। हालांकि, दो राज्यों में स्थिति साफ होने लगी है। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और रेणुका सिंह सरुता के मंत्री पद से इस्तीफे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिए हैं।भाजपा सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने राज्यों में इनकी भूमिका तय कर दी है। दावा है कि पटेल का नाम मध्य प्रदेश में सीएम की दौड़ में सबसे आगे है। पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी और साफ-सुथरी छवि वाले पटेल आरएसएस के भी निकट हैं। उनके जरिये पार्टी राज्य में चेहरा बदलने के साथ जातिगत समीकरण भी साध सकती है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। शोभा करंदलाजे को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, राजीव चंद्रशेखर को जल शक्ति और भारती प्रवीण पवार को जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्यमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल समेत भाजपा के 10 सांसदों ने बुधवार को इस्तीफा दिया था। इनमें किरोणीलाल मीणा राज्यसभा के सदस्य थे।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा के उन नौ सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे, जिन्हें हालिया विधानसभा चुनावों में विधायक चुना गया था। सभी ने बुधवार को अपना इस्तीफा सौंपा था। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को बताया कि राजस्थान प्रदेश के जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़, राजसमंद से दीया कुमारी, मध्य प्रदेश के मुरैना से नरेन्द्र सिंह तोमर, दमोह से प्रह्लाद पटेल, जबलपुर से राकेश सिंह, सीधी से रीति पाठक, होशंगाबाद से उदय प्रताप सिंह तथा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से गोमती साय और बिलासपुर से सांसद अरुण साव ने इस्तीफा दिया है।
पटेल का नाम मध्य प्रदेश में सीएम की दौड़ में सबसे आगे
भाजपा सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने राज्यों में इनकी भूमिका तय कर दी है। दावा है कि पटेल का नाम मध्य प्रदेश में सीएम की दौड़ में सबसे आगे है। निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह पटेल ओबीसी (लोध) समुदाय से आते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी और साफ-सुथरी छवि वाले पटेल आरएसएस के भी निकट हैं। उनके जरिये पार्टी राज्य में चेहरा बदलने के साथ जातिगत समीकरण भी साध सकती है। राज्य की राजनीति में पटेल और शिवराज के रिश्ते अब अच्छे बताए जाते हैं। इसलिए, पटेल के नाम पर शिवराज की ओर से विरोध की आशंका कम है।
जहां तक तोमर का सवाल है, तो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सीएम पद पर तोमर की दावेदारी पहले सबसे मजबूत मानी जा रही थी, पर जातिगत समीकरण पक्ष में नहीं माने गए। दूसरे, चुनाव प्रचार के दौरान उनके बेटे के वायरल वीडियो ने भी संभावनाओं को कमजोर किया है। तोमर ने बृहस्पतिवार को गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की।
छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह पर दांव लगा सकती है भाजपा
वहीं, छत्तीसगढ़ में पार्टी रेणुका सिंह पर दांव लगा सकती है। सरगुजा की रेणुका ने जिला पंचायत सदस्य से केंद्रीय आदिवासी मामलों की राज्यमंत्री पद तक का सफर तय किया है। उनके जरिये पार्टी आदिवासी समाज के साथ महिलाओं को भी साध सकती है। विधानसभा चुनाव जीतने वाले 12 में 10 सांसदों ने बुधवार को सांसद पद से इस्तीफा दिया था। एक दिन बाद दो और सांसदों बाबा बालकनाथ व रेणुका ने भी सांसदी छोड़ दी।