नई दिल्ली: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अडानी समूह को लेकर खुलासे किए। अमेरिकी रिसर्च फर्म ने आरोप लगाया कि अडानीसमूह ने अकाउंट्स में हेरफेर की है। शेयरों के दाम जानबूझ कर बढाए गए। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी की कंपनियों के शेयर 80 फीसदी तक ओवरप्राइस्ड हैं। इस खुलासे के बाद से अडानी समूह के शेयरों के दाम लगातार गिर रहे है। कंपनी का मार्केट वैल्यू 140 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। समूह के शेयरों के दाम 70 से 80 फीसदी तक गिर चुके हैं। गौतम अडानी का नेटवर्थ एक महीने में 127 अरब डॉलर से गिरकर 35 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। बाजार में अडानी के शेयरों में जारी गिरावट को देखते हुए निवेशकों के डर को समझा जा सकता है। वहीं अडानी अब निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए आखिरी कोशिश में जुट गई है। अडानी समूह 27 फरवरी से लेकर 1 मार्च तक रोड शो के जरिए निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश करने जा रही है।
अडानी का रोडशो
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह 27 फरवरी से विदेशी जमीं पर रोडशो करने जा रही है। 27 फरवरी को सबसे पहले सिंगापुर में रोडशो करेगी। इसके बाद 28 फरवरी और 1 मार्च को हांग कांग में ये रोड शो होने जा रहा है। इस रोड शो में अडानी समूह के दिग्गज हिस्सा लेने वाले हैं। कंपनी की फाइनेंस टीम इस रोड शो के जरिए निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी। अडानी समूह के चीफ फाइनेंशिएल ऑफिसर जुगेशिंदर सिंह के अलावा कॉरपोरेट फाइनेंस हेड अनुपम मिश्रा शामिल होंगे। समूह की ओर से बार्कलेज पीएलसी , बीएनपी पारिबास एसए, डौचे बैंक एजी , एमिरेट्स एनबीडी कैपिटल , आईएनजी ग्रुप एनवी, स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक ने निवेशकों को इस रोडशो में शामिल होने के लिए न्यौता भेजा है।
क्या होगा रोड शो से फायदा
24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई और रिसर्च फर्म से कई चौंकाने वाले खुलासे किए, उसके बाद रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने समूह की कई कंपनियों के आउटलुक को घटा दिया था। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अडानी को फंड जुटाने में परेशानी आएगी। कंपनी इस बात को गलत साबित करना चाहती है। इतना ही नहीं अडानी समूह में कई विदेशी निवेशकों का पैसा लगा है। समूह को लेकर शॉर्ट सेलर की निगेटिव रिपोर्ट और ग्रुप को लगातार हो रहे नुकसान के कारण इन निवेशकों का भरोसा हिल गया है। इस रोडशो के जरिए अडानी समूह निवेशकों को अपने आर्थिक सेहत के बारे में बताना चाहती है। उन्हें बताना चाहती है कि उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है, ताकि उनका भरोसा लौट सके। इसके अलावा अडानी समूह कर्ज चुकाने पर भी फोकस कर रहा है। कंपनियों के विस्तार और अधिग्रहण की योजनाओं को फिलहाल रोककर कर्ज को कम करने और बेस को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है। कंपनी ने फरवरी की शुरुआत में भी निवेशकों से बातचीत की थी ।
रोड शो में चूके तो फिर गए
अडानी समूह के लिए ग्लोबल बाजार या बाजार में अंतिम मोर्चा जो लड़ रहा है, वो बॉन्ड का है। स्टॉक मार्केट में जो स्थिति दिख रही है, उसमें इतनी जल्दी रिकवरी की उम्मीद नहीं दिख रही है। निवेशक जिन परियोजनाओं के आधार पर अडानी समूह में निवेश कर रहे थे, समूह ने कई परियोजनाओं ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, जिसका असर निवेशकों पर देखने को मिल रहा है। अब जो फिक्स्ड इनकम इंवेस्टर्स हैं, उसपर कंपनी फोकस कर रही है। फिक्स्ड इनकम इवेस्टर्स वो निवेशक हैं, जिन्होंने अडानी समूह के बॉन्ड खरीद रखे हैं। अडानी समूह इन निवेशकों के घबराहट को कम करना चाहता है। उनका भरोसा जीतने की कोशिश कर रहा है। बॉन्ड बाजार में बेचैनी है। बॉन्ड निवेशकों को लुभाने के लिए, उनके डर और बेचैनी को खत्म करने के लिए, उनके भऱोसे को जीतने के लिए ये रोड शो कर रही है। इस दौरान कंपनी अपने बॉन्ड निवेशकों के सामने अपनी स्थिति, अपने कैश फ्लो, अपने कर्ज, अपनी प्लानिंग, रेवेन्यू, अपनी परियोजनाओं में आ रहे निवेश आदि की डिटेल साझा कर उनका विश्वास जीतने की कोशिश करेगी, ताकि ये निवेशक समूह के साथ बने रहे। समूह की कोशिश रहेगी कि बॉन्ड निवेशकों का भरोसा बना रहेष अगर बॉन्ड निवेशकों की घबराहट को अडानी समूह कम कर पाने में सफल रही तो वो हिंडनबर्ग के इस चोट से उबरने की दिशा में एक और कदम बढ़ा लेगी।