शिवानन्द तिवारी
कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पहुची थी. यूपी में यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी वाराणसी पहुंचे. राहुल गांधी ने वाराणसी में काशी विश्नाथ के दर्शन किए और लगभग 12 किलोमीटर लंबा रोडशो निकाला. राहुल गांधी की इस यात्रा के जाते ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ता गंगाजल लेकर सड़क पर उतर आए और सड़क धोने लगे. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस सड़क से राहुल गांधी गए हैं इसलिए सड़क का ‘शुद्धीकरण’ किया जा रहा है.
वाराणसी में राहुल गांधी की यात्रा का जमकर विरोध हुआ. उनकी यात्रा के वाराणसी से निकलने के बाद सड़कों को गंगाजल से धोया गया. कहा गया राहुल गांधी की यात्रा के गुजरने से वह सड़क अपवित्र हो गई है. इसलिए गंगाजल से धोकर उसे पुनः पवित्र बनाया गया है. वाराणसी के एक हिस्से की में यह पुरानी प्रवृत्ति है.
1978 में वाराणसी के इसी तरह की मानसिकता के लोगों ने ऐसा ही काम किया था. तब तत्कालीन उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम जी ने पुराने समाजवादी और उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री संपूर्णानंद जी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया था. उसके अगले दिन संस्कृत विश्वविद्यालय के ब्राह्मण समाज के कुछ युवाओं ने उस प्रतिमा को गंगाजल से धोया. उनका मानना था कि मूर्ति अनावरण एक दलित ने किया है भले ही वह देश का उप प्रधानमंत्री क्यों न, इसलिए यह मूर्ति अपवित्र हो गई है.
बहुत दिनों के बाद भी, जब दुनिया कहाँ से कहाँ पहुँच गई है, लेकिन चालीस पचास साल पहले की गंगा जल धोकर पवित्र करने की वह मानसिकता अभी भी वाराणसी के एक हिस्से में क़ायम है. शिवानन्द