इंदौर
सियागंज और रानीपुरा के व्यापारियों को जांच के नाम पर परेशान करने वाले मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को नाराजगी जताई। उन्होंने पुलिस कमिश्नर से कहा इंदौर में यह सब नहीं होना चाहिए। पुलिस कमिश्नर को उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करो और जो भी दोषी हों, उन पर कार्रवाई करो। इंदौर में व्यापारियों को निडर और निर्भीक होकर व्यापार करने दो।
उन्होंने कहा कि पुलिस का काम वसूली करना नहीं है। सीएम के निर्देश पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा रविवार सुबह 11 बजे सभी व्यापारियों से रेसीडेंसी पर मिलेंगे। सभी वरिष्ठ अधिकारी व्यापारियों की पीड़ा सुनेंगे। उधर, सीएम के नाराजगी जताते ही पुलिस अफसरों में हड़कंप मच गया। बताया जाता है, अफसरों ने व्यापारियों को फोन लगाकर वसूली करने वालों के नाम पूछे हैं।
बगैर नोटिस थाने में बैठाने का आरोप
शुक्रवार को सियागंज और रानीपुरा के व्यापारियों के दो अलग-अलग समूहों ने डीसीपी जोन-3 धर्मेंद्र भदौरिया से बात कर आरोप लगाए थे कि पुलिस और क्राइम ब्रांच वाले दुकानों पर कभी भी आ धमकते हैं और धौंस-दपट करते हैं। बिना नोटिस दिए थाने बुलाकर दिनभर बैठाए रखते हैं। मामले में सियागंज एसोसिएशन व अहिल्या चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने भी कहा था कि पुलिस को छापे मारने का अधिकार ही नहीं है। कार्रवाई का अधिकार प्रशासन और खाद्य विभाग को ही है।
व्यापारियों का राजस्व में बड़ा योगदान है
व्यापारियों का कहना है कि सियागंज, रानीपुरा और महारानी रोड जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्रों का राजस्व में सरकार को बड़ा योगदान रहता है। वहां अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली करने का रवैया ठीक नहीं है। व्यापारियों से ऐसा सलूक ठीक नहीं है।