इंदौर
राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच पूर्व मंत्री और राजस्थान के प्रभारी रहे सज्जन सिंह वर्मा ने अपनी ही पार्टी की कमेटी पर सवाल उठाया है। सज्जन सिंह ने कहा है, सचिन पायलट कांग्रेस में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसका दोष उस कमेटी को है, जो पिछले आठ महीने में कोई फैसला नहीं ले पाई।
राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के बीच समन्वय बनाने के लिए कमेटी बनाई गई था, लेकिन कमेटी ने काम नहीं किया। कमेटी को अहम जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। कांग्रेस नेता अजय माकन के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई थी। इसके अलावा, सज्जन वर्मा ने जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के लेकर कहा कि जितिन प्रसाद लगातार चुनाव हार रहे थे। भाजपा में जाना डूबते को तिनके का सहारा है। इससे अच्छा जितिन को समाजवादी पार्टी में चले जाना था। क्योंकि उप्र में भाजपा का अस्तित्व नहीं बचा है।
वर्मा ने अजय सिंह को भी नसीहत दी है- बड़ा दिल रखकर सभी को साथ मिलकर चलना चाहिए। हालांकि मामले का पटाक्षेप को चुका है। साथ ही, इस बात का खुलासा किया कि भाजपा के 35 विधायक लामबंद होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले थे, लेकिन कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 2023 के चुनाव तक बने रहना फायदेमंद होगा। क्योंकि फिर से चुनाव जीतने वाले नहीं हैं।
सिंधिया समर्थकों को पद देने पर बोले- भाजपा का सिंधिया के मन को खुश करने का प्लान है, उन्हें मिनिस्टर नहीं बनाना है। खंडवा उपचुनाव कांग्रेस जीतेगी। साथ ही, सभी उपचुनाव जीते जाएंगे। भोपाल में बीजेपी के 35 वरिष्ठ विधायक जुटे थे। कुछ प्रयास शुरू हुए थे, लेकिन हमने भी निवेदन किया था कि शिवराज के रहने से कांग्रेस को फायदा है, उन्हें ही मुख्यमंत्री बने रहने दें।