अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

किसानों के संघर्ष और इस विजय को सलाम, सैकड़ों शहीद किसानों को नमन

Share

तीन किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी अभी झांकी है, एमएसपी की गारंटी और बिजली कानून की वापसी अभी बाकी है।* 
आखिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जून 2020 में अध्यादेश के रूप में लाए गए तीन किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की घोषणा करनी पड़ी। किसानों का संघर्ष रंग लाया। जनता के संघर्षों के आगे बड़े से बड़े तानाशाह को भी झुकना पड़ता है। यह विजय डटे हुए किसानों की है, जो ऊसर मिट्टी में भी अनाज उगाने की कूवत रखते हैं।

किसानों ने अहंकारी को बतला दिया कि ग़लत वह थे, पूरी तरह गलत, किसान सही थे, सच्चे थे, इसलिए उनकी विजय हुई। अगर यह फैसला मोदी जी पहले करते तो अपने मंत्री पुत्र को किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के अक्षम्य पाप से रोक लेते किसानों को आतंकवादी, आन्दोलनजीवी, अराजक, खालिस्तानी, नक्सली, मवाली की संज्ञा देने से बच जाते। किसानों पर लाठीचार्ज से बच जाते, सड़को पर कीलें गाड़ने, कटीले तार लगाने, गड्ढे खोदने से बच जाते। मगर अहंकार यह करने भी कहाँ देता है।संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री के इस घोषणा का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। अगर ऐसा होता है, तो यह भारत में एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत होगी। हालांकि, इस संघर्ष में करीब 750 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी जैसा बरबर हत्याकांड किया गया है। इन टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार की जिद जिम्मेदार है।संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाना चाहता है कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि किसानों के सभी कृषि उत्पादो के समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिया जाना बाकि है। संयुक्त किसान मोर्चा जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा। इन जनविरोधी कानूनों के वैधानिक तरीके से खात्मे तक इंतजार करना चाहिए। क्योंकि पिछले सात सालों में जुमलों की अपनी हिस्ट्री है।संघर्षो के आगे जीत है। सभी को बधाई, अभी और लड़ना है। 

*उमेश तिवारी सीधी (मध्य प्रदेश)*

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें