अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

*संघ ने तो अब तक कुछ कहा नहीं पर सर्वे में भाजपा कमजोर ! *

Share

कीर्ति राणा 

भाजपा में इन दिनों एक सर्वे रिपोर्ट ने खलबली मचा रखी है।आरएसएस की कार्यपद्धति चुपचाप काम करने वाली है लेकिन इन दिनों संघ के सर्वे का हवाला देकर सोशल मीडिया पर मप्र में 160 सीटों पर भाजपा के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकम्बेंसी वाली रिपोर्ट चर्चा में है।इस सर्वे रिपोर्ट को लेकर संघ ने भी अब तक कुछ कहा नहीं है इसलिए सब अपने मन मुताबिक मतलब निकाल रहे हैं। 

सत्ता और संगठन को सौंपी गई इस रिपोर्ट के अनुसार, संघ ने अपनी रिपोर्ट में उन 160 सीटों पर सत्ता और संगठन को काम करने के लिए कहा है जहां भाजपा काफी कमजोर है। वहीं यह भी बताया गया है कि वर्तमान में जिन 127 सीटों पर भाजपा काबिज है उनमें से केवल 70 सीटों पर ही पार्टी जीतने की स्थिति है। रिपोर्ट की मानें तो भाजपा वर्तमान समय में 100 सीटें भी नहीं जीत रही है। गौरतलब है कि भाजपा ने अभी तक 3 सर्वे और संघ ने करीब आधा दर्जन सर्वे करवाए हैं,  जिसमें भाजपा की स्थिति साल दर साल कमजोर होती जा रही है। यही कारण है कि भाजपा के बड़े पदाधिकारियों के साथ ही संघ के नेताओं का फोकस मप्र पर है। प्रदेश में सरकार और मंत्रियों के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकम्बेंसी है। इसको खत्म करने के लिए पार्टी और संघ कई कार्यक्रम बनाकर सक्रिय भी है लेकिन उसके बाद भी स्थिति सुधर नहीं रही है।

🔹*त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नाराज़गी के चलते 2003 के चुनाव में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार चली गई थी।शिवराज सरकार ने भी सबक नहीं लिया था लिहाजा 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का भी वहीं हश्र हुआ।

दूध की जली शिवराज सरकार इस बार फूंक फूंक कर कदम रख रही हैं। मंत्रालय में इन दिनों संविदा कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने और पंचायत सचिवों को मानदेय बढ़ाकर देने की फाईल को गति प्रदान कर रखी है। लाभान्वित होने वाले लगभग दो लाख कर्मचारी माने जा रहे हैं। इतनी ही संख्या दैनिक वेतनभोगियों की है, इन सब का हृदय परिवर्तन हो जाए तो चुनाव में भाजपा का टेंशन भी कम होना ही है। 

🔹*अब 149 सीट पर मेहनत करेंगे कमलनाथ*

राऊ सीट पर जीतू पटवारी की अब हालत कैसी है ये तो उस क्षेत्र के लोग ही बेहतर बता सकते हैं लेकिन पंडोखर सरकार ने तो पटवारी की फिर से जीत पक्की कर दी है। जमावट कर के उन्हें सांवेर लेकर तो तुलसी सिलावट आए लेकिन पटवारी ने गेट वन, बाय वन जैसा फायदा उठा लिया।उन्हें वो अपने क्षेत्र में ले गए, समर्थक के सवाल पर पंडोखर सरकार ने पटवारी की फिर से जीत की भविष्य वाणी कर के कमलनाथ को भी एक सीट के टेंशन से फ्री कर दिया है, अब उन्हें 149 सीट पर ही मेहनत करना है। पर कहीं ऐसा न हो जाए कि विधायक रमेश मेंदोला अपने जीतू को बागेश्वरधाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की शरण में ले जाएं, पं शास्त्री तो जीतू की जीत ही पक्की बताएंगे।

🔹*ग्वालियर भाजपा में फिर भड़की चिंगारी *

पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी के ग्वालियर में पहले उनके भांजे अनूप मिश्रा ने दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की ताल ठोक दी थी। संगठन के बड़े नेताओं ने जैसे तैसे उन्हें शांत किया कि अब पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने ताल ठोंक दी है।उनके निशाने पर हैं पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता जिन्हें भाजपा इस बार प्रत्याशी बना सकती है। पिछले चुनाव में कुशवाह इन्हीं समीक्षा के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण हार गए थे।अब उन्होंने ऐलान कर दिया है समीक्षा गुप्ता को पार्टी का प्रत्याशी बनाया तो वे उनका चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।

🔹 *हलुआ लग रही है सांवेर सीट*

कांग्रेस को सांवेर सीट पर इस बार अपनी जीत आसान लग रही है पर उसे यह नहीं पता है कि कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए तुलसी सिलावट तब ऐतिहासिक मतों से जीते थे। समीक्षा तो सिलावट भी कर रहे होंगे कि वो कौन सी कमजोरियां हैं जो उनकी परेशानी का कारण बन सकती है।कांग्रेस नेता इस बार सांवेर क्षेत्र में एकजुटता का दावा कर रहे हैं।ऊपरी तौर पर तो दिग्विजय सिंह को विश्वास दिला चुके हैं जिसे भी टिकट मिलेगा जिताएंगे, पर लड़ेगा कौन? एक दावेदार तो पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की पुत्री हैं रीना बोरासी, दूसरे हैं सिलावट के भांजे ओम और तीसरे हैं बंटी राठौर। चुनाव नवंबर में होना है उससे पहले और कितने दावेदार खम ठोंकेंगे यह ना कमलनाथ जानते हैं और ना दिग्गी राजा। 

🔹 *वाह भाई डीके*

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी जोश भर के चले गए हैं कि 150 सीटें जीतेंगे। भले ही उन्हें मप्र तो ठीक इंदौर, उज्जैन संभाग की जमीनी हकीकत और कांग्रेस की हालत पता नहीं हो, भले ही उन्होंने इन दोनों संभागों में बैठकें और कार्यकर्ताओं से सीधी चर्चा नहीं की हो लेकिन कहने में क्या हर्ज है कि प्रदेश में 150 सीटें मिल रही हैं। ऐसा लगता है महाकाल दर्शन से इतनी सदबुद्धि तो मिल ही जाती है कि जैसा राहुल गांधी कहें वैसा अपने को भी कहना ही चाहिए। आम कार्यकर्ताओं को तो यह इंतजार है कि डीके उनके दर्शन को कब आएंगे।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें