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*अहमदाबाद अधिवेशन के में जातियों की गिनती और ओबीसी आरक्षण प्रस्ताव पर भड़के संजय निरुपम*

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 कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में जातियों की गिनती और ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव पर शिंदे की शिवसेना भड़क गई है। गुरुवार को पार्टी के नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला। निरुपम ने कहा यह विभाजनकारी एजेंडा वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए है।

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने गुरुवार को अपने पुरानी पार्टी का बड़ा हमला बोला। निरुपम ने कहा किकांग्रेस द्वारा ओबीसी वोटों के लिए पारित प्रस्ताव की आलोचना की है। निरुपम ने कहा यह निंदनीय है। निरुपम ने कहा कि अहमदाबाद अधिवेशन में कांग्रेस ने अपनी मूल स्थिति से पूरी तरह पलटी मार ली। जाति और धर्म के बहाने समाज में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के बजाय, कांग्रेस नेतृत्व ने ओबीसी के वोट के लिए प्रस्ताव पारित किया। यह समाज को जातियों में विभाजित करेगा। कांग्रेस ने अहमदाबाद अधिवेशन में जाति जनगणना कराने और ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने की बात कही है। राहुल गांधी ने कहा था कि वह 50 प्रतिशत की सीमा को तोड़ देंगे।

निरुपम बोले-कांग्रेस ने लिया यू-टर्न
निरुपम ने आगे कहा कि अब तक हुए कांग्रेस पार्टी के हर राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के लिए, ग्राम स्वराज्य के लिए, आर्थिक उदारीकरण के लिए और बैंकों के राष्ट्रीयकरण के लिए प्रस्ताव पारित किए गए। निरुपम ने कहा कि कांग्रेस ने हर सत्र में जाति, भाषा और धर्म के नाम पर भारतीय समाज को बांटने वाली ताकतों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। हालांकि, अहमदाबाद अधिवेशन में कांग्रेस ने पूरी तरह से यू-टर्न ले लिया। कांग्रेस ने जाति और धर्म के नाम पर समाज में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया है। निरुपम ने कहा कि इसके विपरीत, कांग्रेस नेतृत्व ने ओबीसी के वोटों के लिए प्रस्ताव पारित किया, जिससे पता चलता है कि कांग्रेस का समाज को जातियों में बांटने का छिपा एजेंडा है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

क्षेत्रीय पार्टी बनने जैसा कदम
निरुपम आगे कहा कि कांग्रेस का क्षेत्रीय पार्टी बनने की ओर कदम बढ़ गया है। यह निंदनीय है कि कांग्रेस भी क्षेत्रीय पार्टियों की तरह जाति और धर्म के आधार पर वोट बैंक की राजनीति में संलग्न है। निरुपम ने ओबीसी वोटों के लिए प्रस्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए इसे कांग्रेस की गंदी राजनीति बताया। निरुपम ने पूछा कि क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस के जाति-आधारित प्रस्ताव से सहमत हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 25 वर्षों से उद्धव ठाकरे मुंबई महानगरपालिका की सत्ता पर काबिज हैं, लेकिन वे कभी भी नाले की सफाई के काम का निरीक्षण करने नहीं गए। इसके विपरीत, उन्होंने सड़क निर्माण, नाली सफाई व अन्य कार्यों में कमीशन लिया।

उद्धव ठाकरे को घेरा
निरुपम ने कहा कि अब जब वह सत्ता खो चुके हैं तो आदित्य ठाकरे सड़क और नाली की सफाई के काम की निगरानी के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। कार्य का निरीक्षण करते समय निरुपम ने संदेह जताया कि आदित्य ठाकरे ठेकेदारों पर कमीशन पाने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। निरुपम ने नाला सफाई कार्यों का निरीक्षण करने के लिए आदित्य ठाकरे की आलोचना की। निरुपम ने कहा कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद से मुंबई की सड़कें कंक्रीट से बनी हैं, जिससे पता चलता है कि मुंबई गड्ढा मुक्त हो गई है।

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