नई दिल्ली
CBI ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो परियोजना से जुड़े रिश्वतखोरी के मामले में बुधवार को देशभर में 16 स्थानों पर छापे मारे। राज्य के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रोजेक्ट के सिविल वर्क का ठेका देने के बदले रिश्वत की पेशकश का आरोप लगाया था।
मलिक के आरोपों के बाद CBI ने भ्रष्टाचार के मामले में दो FIR दर्ज की थीं। इसके बाद जांच एजेंसी ने अप्रैल में एक IAS अफसर नवीन चौधरी के आवास समेत जम्मू कश्मीर के 14 ठिकानों पर छापे मारे थे।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बनने वाले किरू प्रोजेक्ट से 624 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।
मलिक ने 2021 में लगाया था करप्शन का आरोप
सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थी। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं।
दो फाइलों के लिए 300 करोड़ रुपये ऑफर किए
मेघालय के मौजूदा गवर्नर मलिक ने कहा था कि उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, ‘मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा।’ उन्होंने कहा था कि जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।
CBI ने दो अलग-अलग मामलों में दर्ज की FIR
CBI ने इस मामले में दो FIR दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी।
दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है।
सत्यपाल मलिक लगातार अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं, उन्हीं के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया था।
बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं मलिक
सत्यपाल मलिक मेघालय के राज्यपाल हैं, लेकिन वे कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं। किसान आंदोलन खत्म होने पर उन्होंने कहा था कि किसानों का धरना खत्म हुआ है,आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने 400 किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री की तरफ से शोक सन्देश नहीं जाने पर भी तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए।
मलिक ने अपने रिटायरमेंट के बाद किसानों के लिए संघर्ष करने की बात कही थी। वहीं, रिश्वत का ऑफर, राष्ट्रपति चुनाव और उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत से जुड़े अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं।