वीरेंद्र सिंह रावत
दवाइयों के ऑनलाइन ऑर्डर पर बचत पर बहुत पोस्ट की थीं मैंने।
लेकिन अब लौट के बुद्धू घर को आए वाली मसल हो गई है।
तब ऑर्डर की दवाएँ ख़त्म होने लगीं तो रिऑर्डर के लिए साइट पर गया।
वहाँ पर वो दवा अब है ही नहीं, एक महीने में कई बार चेक किया, लेकिन वो दवा आउट ऑफ़ स्टॉक ही बनी हुई है। netmeds पर भी, 1mg पर भी।
बाकी कई साइट पर भी चेक किया।
मार्केट में उस केमिकल वाली जो सबसे सस्ती दवाएँ हैं, वो ज़्यादातर साइट्स पर या तो नाम तक नहीं दिखा रहे हैं, या आउट ऑफ़ स्टॉक है महीनों से।
उसी केमिकल वाली तीन-चार-दस गुना महँगी दवाएँ दर्जनों ब्राण्ड की ज़रूर मौज़ूद हैं हर साइट्स पर।
फिर ज्यादातर साइट पर मिनिमम ऑर्डर वैल्यू कम्पलसरी है, वरना डिसकाउण्ट नहीं मिलेगा
फिर डिलीवरी चार्जेज़ भी ले रहे हैं।
दो साइट्स पर ऑर्डर किया, तो ऑर्डर प्लेस होने पर बताते हैं, कि फलानी दवा स्टॉक में नहीं है, तो नहीं भेज पाएँगे।
pharmeasy पर ऑर्डर प्लेस किया, प्रेस्क्रिप्शन भी डाला, तो भी उनका डॉक्टर फोन करता है कि जो प्रेस्क्रिप्शन डाला वो इस दवा का नहीं है, इसलिए नहीं भेज सकते। फिर कहते हैं कि हर साल किसी डॉक्टर से शारीरिक जाँच करवा कर प्रेस्क्रिप्शन लेना ज़रूरी है, इसलिए मैं उनके डॉक्टर से पेड कनसलटेशन बुक करवाऊँ, वरना वो नहीं भेज पाएँगे, मैंने मना कर दिया, तो उन्होंने ऑर्डर कैन्सल कर दिया।
घण्टों बरबाद हो गए हैं इन साइटों के चक्कर में, और नतीजा कुछ भी नहीं।
मेडिसिन के अलावा भी एक साइट mydukaan पर कॉफ़ी पाउडर का ऑर्डर दिया था, नहीं आया। 4 दिन बाद साइट पर जा कर देखा तो ऑर्डर वैसा ही दिखा रहा है, पैकिंग डिलीवरी तक का डेवलपमेण्ट नहीं हुआ था, हमने उनके नम्बर को रिंग किया तो किसी कन्नड़ बोलने वाली महिला से बात हुई, जो न हिन्दी जानती थी न अंग्रेज़ी, वो कुछ बता ही नहीं पाई, ना ही शायद उनके यहाँ कोई और था जो बात कर पाता, तो हमने ऑर्डर कैन्सल कर दिया।
इन साइटों को बस हमारे डीटेल चाहिए होते हैं, जिसे वो सेल करके कुछ फ़ायदा उठा सकें, उन्हें कुछ भेजना बेचना नहीं होता है।
पहले इसे फिसिंग कहा जाता था कि लोग पॉपुलर साइट्स के नकली फेक पेज बना कर लॉगइन करवाते थे, जिससे आपके लॉगइन यूजरनेम पासवर्ड उन्हें मिल जाते थे।
अब लोग काम न करने वाली ऐसी साइट बनाते हैंं, जिसमें आप ख़ुद ही अपना ईमेल, मोबाइल नम्बर, यहाँ तक कि घर का पता डाल देते हैं, लेकिन वो कुछ नहीं भेजते, आपके डीटेल्स का कुछ इस्तेमाल करते होंगे।
यह है मोदी जी का डिजिटल इण्डिया। जुमलेबाज के राज में जुमला साइट्स पनप रही हैं। हम कहीं कोई कम्पलेन तक नहीं कर सकते हैं।
शुकर है कि हम हमेशा पेड ऑन डिलीवरी चुनते हैं, इसलिए पैसे का कोई नुकसान नहीं हुआ।
तो अब हम नेट मेडिसिन से थक-हार कर फिर से मोहल्ले की फार्मेसी से दवा ख़रीदने पर वापस आ गए हैं।