वसुन्धरा फाउंडेशन के तत्वावधान में पूज्य बापू के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर एक विचार गोष्ठी एवं श्रद्धांजलि सभा शीरोज हैंगआउट,गोमतीनगर में आयोजित की गई. इसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद श्री राजीव नयन बहुगुणा ने सर्वप्रथम सूत काट कर बापू की परंपरा को आगे वढाते हुए आवाहन किया कि भविष्य में स्वागत के लिए फूलों की माला के स्थान पर सूत की माला का प्रयोग करें. आगे इन्होंने अपने व्याख्यान में गाँधी दर्शन की व्याख्या करते हुए बताया की कुटीर उद्योग के माध्यम से देश के विकास के पीछे उनकी अवधारणा यही थी की किस प्रकार देश के पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखा जाय. स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणाजी पर्यावरण पर उनके इन्ही विचारों के क़ायल थे और पर्वतीय क्षेत्रों का कुटीर उद्योगों के माध्यम से ही विकास के पक्षधर थे और जीवन भर इसके लिए संघर्षरत रहे. युद्ध से दूर रहें कुटीर उद्योग को बढ़ावा दें. श्री बहुगुणा ने श्री राकेश श्रीवास्तव को सूत की माला भेंट कर फूलों को तोड़ने से बचने का संदेश दिया।
वसुन्धरा फाउंडेशन के संयोजक श्री राकेश श्रीवास्तव ने श्री राजीव नयन बहुगुणा जी का स्वागत करते हुए उनके कार्यकलापों पर प्रकाश डाला तथा बताया की वे किस प्रकार परम्परा को आगे बढ़ाने में प्रयासरत हैं. राजीव नयन जी ने पर्यावरण संरक्षण की वास्तविक पहल करते हुए बहुत समय पहले से ही हवाई जहाज यात्रा, बोतल बंदपानी, कोल्ड ड्रिंक इत्यादि का त्याग कर रखा है।
प्रश्न काल में रामकिशोर, वीरेंद्र त्रिपाठी, उमेश सिंह ,अवधेश शुक्ल,राम स्वरूप,डंडा लखनवीं,शेखर,रवि श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया. इस अवसर पर सर्वश्री राम दत्त त्रिपाठी, अखिलेश श्रीवास्तव चमन, सुरेन्द्र राजपूत, प्रभात त्रिपाठी,मुकुल महान हफीज किदवई,आनन्द वर्धन सिंह, विभाष श्रीवास्तव, हसन उस्मानी, अविनाश, पवन यादव, रामेंद्र, भवेश चंद्र, कमलेश, सुनील निगम आदि गणमान्य नागरिक और विचारक की सहभागिता रही।
गांधी जी को श्रद्धांजलि देकर सचिव श्रीमती मीनू श्रीवास्तव ने सभा समाप्त की.