~ रीता चौधरी
_पुरुष नाकाम है, क्योंकि उसका लिंग घोड़े या कुत्ते जैसा ही सही; लंबा-मोटा नहीं है– यह सबसे बड़ा भ्रम है। तमाम मेल पर्सन ऐसा मानते हैं और नीम-हकीम सेक्स विशेषज्ञ इनका फायदा उठाते हैं। एक बात साफ जान लें– *लिंग के आकार में बदलाव प्लास्टिक सर्जरी के अलावा किसी भी तरह से संभव नहीँ। दूसरी बात यह जान लें कि, स्त्री की तृप्ति के लिए 4 इंच का लिंग भी काफी है, बशर्ते वह उसके डिस्चार्ज होने से पहले निचुड़कर लूज़ न हो जाए।_
सोचिए ! एक बड़ा लिंग कैसे फिट हो जाता है जब वह छोटी/सकरी योनि के साथ संबंध बनाता है। इसके विपरीत छोटे लिंग वाला पुरुष बड़ी योनि की महिला के साथ यौन संबंध बनाता है, तो कैसे फिट हो जाता है और स्त्री तृप्त हो जाती है।
लिंग के आकर के समान योनि का आकार भी विभिन्न महिलाओं में भिन्न होता है। योनि का कोई मानक सार्वभौमिक आकार नहीं है जो लिंग की हर लंबाई के साथ फिट बैठता हो।
योनि की औसत गहराई (Average vaginal depth) ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के अध्ययन के अनुसार लगभग 3.77 इंच है। कुछ अन्य जेमोलॉजिकल सर्वेक्षणों का कहना है कि योनि के आकार की औसत सीमा लगभग 3 से 7 इंच के भीतर है।
हालांकि~
योनि स्थिर साइज़ में नहीं रहती है। जब एक महिला उत्तेजित होती है तो योनि एक लिंग को समायोजित करने के लिए फैलती है।
_उत्तेजित होने पर योनि की औसत गहराई 7 इंच होती है। लेकिन इसके लिए 7 इंच की लंबाई वाला लिंग नहीं चाहिए। वह गर्भाशय ग्रीवा को टच करेगा और स्त्री को जानलेवा दर्द होगा। कॉल गर्ल, वैस्या या अनेकों से सेक्स करवाकर योनि को ढीली/डेड कर चुकी स्त्री को कोई फर्क नहीं पड़ सकता।_
योनि की उत्तेजना में लिंग के निर्माण के समान प्राकृतिक प्रणाली ही काम करती है। उत्तेजना के दौरान योनि में अधिक रक्त प्रवाहित होता है। यह योनि को लिंग के लिए अधिक स्थान देने में मदद करता है : Large penis may cause pain during sex.
एक योनि में विस्तार करने की असीमित क्षमता नहीं होती है। एक बड़ा लिंग सेक्स करते समय योनि में असुविधा पैदा कर सकता है।
विभिन्न जातीय समूहों की महिलाओं में योनि के आकार अलग-अलग होते हैं।
कई एशियाई महिलाओं को अफ्रीकियों के साथ यौन संबंध बनाने में असुविधा होती है। दूसरी ओर अफ्रीकी महिलाएं एशियाई पुरुषों से संतुष्ट नहीं हैं।
भारतीय पुरुषों का औसत लिंग का आकार विश्व औसत से कम है। कुछ ही भारतीय पुरुष हैं जिनके पास 5 इंच से अधिक लंबा लिंग हैं; लेकिन यह आकार औसत योनि के लिए एक अच्छा मेल नहीं है।
_श्वेत महिलाओं की योनि की गहराई भारतीय महिलाओं की तुलना में बड़ी है। पश्चिमी महिलाओं को इसीलिए लंबा लिंग हज़म हो जाता है।_
भारत के संदर्भ में लिंग का लंबा-मोटा होना जरूरी नहीं है। लिंग का तब तक कड़ा/खड़ा रहना जरूरी है जब तक स्त्री बस-बस प्लीज़ कहते-कहते बेशुध न हो जाये।
_इसकी कोई दवा नहीं बनी। उत्तेजक दवाएं फौरी राहत देती हैं, लेकिन आपकी बाकी नेचुरल पावर भी खा जाती है। सेक्स के दौरान लिंग पर उसकी संवेदनशीलता खत्म करने के लिये आप कोई तेल/जेल केमिकल लगाते हैं तो इससे योनि की सेंसटिविटी खत्म होती है। बाद में स्त्री को कुछ फील नहीं होता। पेड़ू में दर्द अलग हो सकता है। कीगल एक्सरसाइज रोज करें। खान-पान दुरुस्त रखें। शराब- सिगरेट से बचें। वीर्य डिस्चार्ज होने की प्रक्रिया पर अपना नियंत्रण कायम क़रने के लिए मेडिटेटिव सेक्स सीखें। ये स्त्री भी सीखे ताकि टॉपिक पर सेन्ट्रलाइज़्ड होकर फीलिंग के एब्जॉर्वनेशन में डूब सके और समय से डिस्चार्ज हो सके।_
संबंधित पाठ्यक्रम और टेकनिक हम भी आपको समझा देंगे, वो भी निःशुल्क : लेकिन बॉडी पार्टनर के साथ हमारे सानिध्य में रहना होगा। वैसे भी आप खुद सोचें : कितना भी लम्बा मोटा लिंग हो, एंट्री लेते ही बहकर लूज हो जाये तो? दूसरी बात : अगर योनि फ़ैलकर नाला बन गई है तो उसमें कैसा भी लिंग जाये, स्त्री कुछ फील नहीं करेगी. पुरुष को भी लगेगा की किस महा-होल में डाला है. योनि लो टाइट, चुस्त ऱखना/करवाना अधिक जरूरी है.