डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी में आदिवासी छात्रावास में हुए छात्राओं के उत्पीड़न का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है।मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के जिला न्यायालय परिसर में शुक्रवार को मिशनरी छात्रावास में यौन शोषण मामले की बच्चियों के परिजनों को आरोपी प्रिंसिपल के पक्ष में गवाही देने के लिए दबाव बनाया गया। ऐसा नहीं करने पर देख लेने की धमकी भी दी गई। जिसके बाद भयभीत परिजनों ने पुलिस सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।
नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न का मामला बीते 4 मार्च को बाल कल्याण समिति, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा छात्रावास में किए गए निरीक्षण के दौरान सामने आया था। इस छात्रावास में लगभग 600 स्टूडेंट्स निवास करते हैं। छात्राओं से समिति द्वारा की गई पूछताछ में स्कूल के कर्मचारियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
जानकारी अनुसार शुक्रवार को यौन शोषण मामले में आरोपी प्रिंसिपल नान सिंह यादव की जमानत के लिए पैरवी की जा रही थी। जिसके लिए परिजन और यौन शोषण की शिकार बच्चियों को न्यायालय में गवाही के लिए बुलवाया गया था। यही नहीं छात्राओं के पक्ष से केस लड़ने वाली महिला वकील व डिंडोरी बाल कल्याण की अध्यक्ष धन्य कुमारी वैश्य को भी लगातार गौड़वाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा धमकी मिल रही है और केस न लड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
महिला वकील ने इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस से की है। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से महिला वकील और उनके परिजनों में भय का माहौल बना हुआ है। महिला वकील व बालकल्याण आयोग की डिंडोरी अध्यक्ष धन्य कुमारी ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
इस मामले के आरोपियों में शामिल स्कूल के प्रिंसिपल को 5 मार्च को गिरफ्तार कर किया गया, जबकि चार लोग जिनमें एक महिला भी शामिल है उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बता जा रहा है कि आरोपी नान सिंह अपनी जमानत के लिए कोर्ट में आ रहा था, साथ ही पीड़ित के परिजनों को भी गवाही के लिए कोर्ट में बुलाया गया था। इसी दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार और उनके वकील को धमकाया कि मामले को रफा दफा कर दो वरना इसका अंजाम बिल्कुल अच्छा नहीं होगा।
घबराए परिजनों ने फौरन ही डिंडोरी थाना में इस बात की शिकायत की, परिजनों में आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से डर का माहौल है। वहीं इस मामले को देखते हुए डिंडोरी बार एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है कि यौन उत्पीड़न के मामले में कोई भी अधिवक्ता आरोपी के पक्ष में नहीं लड़ेगा।
बार एसोसिएशन ने पुलिस से दरख्वास्त की है कि धमकी देने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द हो, क्योंकि मामला काफ़ी संवेदनशील है, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।