हाराष्ट्र की सियासत का माहौल आजकल गर्म है। कहा जा रहा था कि एनसीपी के विधायक तोड़कर अजित पवार (Ajit Pawar) भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने एक बार फिर अजीत पवार के विद्रोह के प्रयास को कुचल दिया और पार्टी के विधायकों पर लगाम लगाई, जो जाहिर तौर पर अजीत के साथ जाने के लिए तैयार थे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में दरार की अटकलों के एक दिन के घटनाक्रम के बाद मंगलवार शाम अजित पवार अपने चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सांसद सुप्रिया सुले के साथ मुंबई में एनसीपी की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। इफ्तार पार्टी में शरद पवार ने ‘सत्तारूढ़ ताकतों’ की आलोचना की। शरद पवार ने उत्तर प्रदेश और गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर का जिक्र किए बिना कहा कि ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि यह करना सही था, लेकिन यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
अजीत पवार के विद्रोह के प्रयास?
शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार ने विधायक तोड़कर भाजपा में शामिल होने की खबरों का खंडन किया, लेकिन शिंदे गुट और सुप्रिया सुले के बयान से लग रहा है कि वाकई कुछ बड़ा होने वाला है। जानिए इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें…
- एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच मंगलवार (18 अप्रैल) को अजित पवार ने पार्टी सिंबल वाली फोटो को अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट से से हटा दिया था। जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलों का बाजार और गर्म हो गया था, लेकिन शाम को इफ्तार पार्टी से पहले शरद पवार और अजीत पवार एक साथ देखे गए। गौरतलब है कि 2019 में अजित पवार ने भाजपा को समर्थन दिया था।
- अजीत पवार के एनसीपी के एक धड़े को तोड़ने और भाजपा में शामिल होने की अफवाहों के बीच शरद पवार, सुप्रिया सुले, उद्धव ठाकरे और यूबीटी सेना के सांसद संजय राउत ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल की। हालांकि अजीत पवार इसमें शामिल नहीं हुए।
- एनसीपी के कुछ विधायकों ने अजीत पवार से मुलाकात की और उनको भरोसा दिया, वह अजित के साथ किसी भी स्थिति में उनके साथ हैं, उनको इस बात से फर्क नहीं पड़ता है, उसके क्या फायदे या नुकसान होंगे। हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि अजित पवार ने कोई बैठक नहीं बुलाई थी। उन्होंने कहा कि अजित पवार पार्टी के कामकाज में व्यस्त हैं और मीडिया को इस मुद्दे को बढ़ाने की जरूरत नहीं है। शरद पवार ने कहा कि इन सब पर बात करने का कोई फायदा नहीं है। इन खबरों का कोई मतलब नहीं है।
- शरद पवार के बयान के लगभग दो घंटे बाद अजित ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि वह जब तक जीवित हैं, अपनी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इसके साथ ही पवार ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह और उनके करीबी विधायक भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। पवार ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने एनसीपी के 53 में से 40 विधायकों के हस्ताक्षर लिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें पार्टी कार्यकर्ताओं को आहत करती हैं और उनमें भ्रम होता है। हम सभी (पार्टी विधायक) एनसीपी के साथ हैं। ऐसा माना जा रहा है कि एनसीपी में अजित पवार और सुप्रिया सुले के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है और इसी के परिणामस्वरूप यह दरार सामने आई।
- मुंबई के इस्लाम जिमखाना में मंगलवार शाम को एनसीपी की इफ्तार पार्टी हुई। अजित पवार अपने चाचा और पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए। सुप्रिया सुले, दिलीप वाल्से-पाटिल और जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेताओं ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।
- अजित पवार को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के एक बयान से सस्पेंस और बढ़ गया। सुप्रिया ने कहा कि अगले 15 दिनों में दो बड़े पॉलिटिकल विस्फोट होंगे। एक दिल्ली में तो दूसरा महाराष्ट्र में। तो क्या अजित पवार की पार्टी छोड़ने वाली अफवाह पहला राजनीतिक धमाका है। अगर हां, तो दिल्ली में क्या होने वाला है? सुप्रिया सुले के दावे में कितना दम है, ये तो 15 दिन बाद ही पता चलेगा।
- रिपोर्टों में कहा गया है कि एनसीपी के शीर्ष नेतृत्व ने दरार की अटकलों पर पानी फेर दिया, लेकिन शरद पवार को अजीत पवार और भाजपा के बीच बातचीत और एनसीपी विधायकों के साथ उनकी बैठक के बारे में पता था। शरद पवार के सहयोगियों ने पार्टी के विधायकों से संपर्क करना शुरू किया और उन्हें बताया गया कि अगर वे अचानक कोई फैसला लेते हैं, तो उन्हें अयोग्यता के मामले का सामना करना पड़ेगा।
- इसी बीच उद्धव ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अजित पवार ने जो स्पष्टीकरण दिया है वो बहुत महत्वपुर्ण है। जिस तरह से यहां के कुछ लोग, पार्टियां, खासतौर पर भाजपा जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही थी, या फिर केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल करके शिवसेना, एनसीपी या कांग्रेस में फूट डालने की कोशिश दबाव तंत्र से कर रही थी, उनको आज अजित पवार ने जवाब दिया है। आखिरी दम तक अजित पवार महाविकास अघाड़ी के घटक रहेंगे।
- संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की बात करें तो महाविकास अघाड़ी को विधानसभा चुनाव में 180-185 सीटें और लोकसभा चुनाव में कम से कम 40 सीटें मिलेंगी। देश में भाजपा की 110 सीटें कम हो रही हैं। इसका मतलब है कि 2024 में शत प्रतिशत सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है।
- मुमकिन है कि एनसीपी का अगला चीफ कौन होगा इसे लेकर अजित पवार और सुप्रिया सुले में होड़ हो। सियासत में कुछ भी हो सकता है, इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि जिस तरह शिवसेना तोड़कर शिंदे ने शिवसेना पर ही कब्जा कर लिया, उसी तरह कहीं एनसीपी में भी तो बड़ा गेम नहीं होने वाला।