इन्दौर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सांवेर पहुँचकर अयोध्या के संत श्री प्रेम भूषण महाराज द्वारा कही जा रही राम कथा का श्रवण किया। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के आमंत्रण पर मुख्यमंत्री श्री चौहान सांवेर पहुँचे थे। कथा श्रवण के पश्चात मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भक्ति भाव से परिपूर्ण ऐसा भजन गाया कि भजन सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भी झूम उठे। उन्होंने कहा कि ‘’राम भजन सुखदायी, जपो रे मेरे भाई’’ भजन, उन्होंने बचपन से ही अपनी दादी माँ से सुना था जो आज भी उन्हें प्रेरणा से भर देता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कथा स्थल पहुंचकर व्यास पीठ का पूजन किया और महाराज श्री का वंदन भी किया। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच जाकर पुष्प वर्षा करते हुए उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि रोम रोम में राम हैं, सकल विश्व में वही समाए हुए हैं। हर आत्मा में परमात्मा का अंश है। हमारा भारत वर्ष विश्व के कल्याण की भावना में चलता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर प्राप्ति के भक्तिमार्ग और ज्ञान मार्ग के साथ-साथ कर्म मार्ग की भी व्याख्या की। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने निर्धारित दायित्वों का शुचिता से निर्वहन करें तो यह जगत सुंदर और कल्याण से परिपूर्ण हो जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अच्छे कर्मों से भी ईश्वर मिलते हैं। उनके मन में लाड़ली लक्ष्मी के बाद लाड़ली बहना योजना बनाने और क्रियान्वित करने का विचार भी ईश्वर की प्रेरणा से आया है। उन्होंने कहा कि बहनें कई बार आर्थिक दिक़्क़त में रहती हैं, उन्हें छोटी-छोटी सी राशि के लिए भी तरसना पड़ता है। राखी में भाई, बहन को उपहार देता है। उनके मन में भी ख़याल आया कि मुख्यमंत्री होते हुए वे भी प्रदेश की बहनों के भाई है और लाड़ली बहना के रूप में वे अपने भाई होने का कर्तव्य निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और उनके परिवार को सांवेर में ऐसा भक्तिमय वातावरण निर्मित करने के लिए साधुवाद भी दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज की कथा समापन पर व्यास पीठ की आरती में भी शामिल हुए। कथा के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, सांसद श्री शंकर लालवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में भक्त श्रोतागण उपस्थित थे।