,भोपालजिस परिवारवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के तमाम नेता गांधी-नेहरू परिवार को घेरते आ रहे हैं उस परिवारवाद की मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के अहम सदस्य ओमप्रकाश सकलेचा ने परिभाषा ही बदल दी है। उन्होंने कहा है कि जिन नेताओं के बेटे पांच-सात साल से जमीनी राजनीति कर रहे हैं, उन्होंने उन्हें इससे अलग रखने की वकालत की है। उन्हें टिकट का हकदार बताया है। उनकी इस परिभाषा से गांधी-नेहरू परिवार के सदस्यों को भाजपा को क्लीनचिट देना पड़ सकती है।
भाजपा की शिवराज सरकार में मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सकलेचा के पुत्र हैं और वे आज मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने मीडिया से चर्चा में परिवारवाद को लेकर अपनी परिभाषा बताई। उन्होंने कहा कि जिसके परिवार से कोई राजनीति में पांच-सात साल से सक्रिय नहीं हो और जिन लोगों ने जमीन पर कोई काम नहीं किया हो वह परिवारवाद की श्रेणी में माने जाएंगे। जमीनी राजनीति में सक्रिय नहीं होने के बाद भी जिन्हें सीधे अवसर दिया जा रहा हो वह परिवारवाद माना जाएगा। सकलेचा ने कहा कि कई नेताओं के बेटे फुल टाइम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा इन लोगों के केवल इसलिए टिकट काटे जाएं कि वे नेताओं के बेटे हैं तो सही नहीं है। गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय के बेटों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे सालों से काम कर रहे हैं।
सकलेचा के बयान के बाद राजनीति गरमाई
कांग्रेस ने मंत्री सकलेचा के इस बयान पर उन्हें घेरा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि मंत्री की परिभाषा के हिसाब से गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर व कैलाश विजयवर्गीय के बेटे परिवारवाद की श्रेणी में नहीं आते। सीएम शिवराज सिंह चौहान, नंदकुमार सिंह चौहान, प्रभात झा के बेटे ही इस श्रेणी में आते हैं। सलूजा ने कहा कि शिवराज सरकार के मंत्री सकलेचा पीएम मोदी के परिवारवाद को खुली चुनौती दे रहे हैं।
मंत्री की परिभाषा से कांग्रेस को क्लीनचिट तो नहीं
मंत्री सकलेचा की परिवारवाद की परिभाषा पर गौर करें तो इससे भाजपा को गांधी-नेहरू को परिवारवाद के रूप में घेरना छोड़ना पड़ेगा। गांधी नेहरू परिवार में सोनिया गांधी से लेकर राहुल और प्रियंका गांधी राजनीति में लगातार सक्रिय हैं। मंत्री सकलेचा अगर पांच-सात साल की जमीनी राजनीति में सक्रियता का फार्मूला बता रहे हैं तो फिर भाजपा को सोनिया-राहुल-प्रियंका को घेरने की रणनीति बदलना होगी।