अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

अयोध्या में श्रद्धा का सैलाब,रामलला के सूर्य तिलक के साथ दीपों से नहाई ‘रामनगरी’

Share

अयोध्या: अयोध्या नगरी रविवार को एक बार फिर उस दिव्य क्षण की साक्षी बनी, जब त्रेता युग में भगवान श्रीराम का धरती पर प्राकट्य हुआ था। रामनवमी के पावन पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू तट से लेकर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक उमड़कर भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।दोपहर ठीक 12 बजे जैसे ही भगवान रामलला के जन्म की घड़ी आई, मंदिर प्रांगण में शंखनाद गूंज उठा, घंटे-घड़ियाल बजने लगे और जय श्रीराम के नारों से अयोध्या का कण-कण गूंज उठा। हजारों श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। रामलला के सूर्य तिलक, विशेष श्रृंगार और जन्माभिषेक का दृश्य देख भक्त अभिभूत हो उठे।इस दौरान जब संतों और श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से तुलसीदासजी का दोहा- “नवमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरि प्रीता। मध्यान काल परम अनुहावा, सरजू तीर प्रगट भए श्रिरघु राजा॥”  का उच्चारण किया, तो मानो वह दिव्य क्षण फिर सजीव हो उठा।

श्रद्धालु बोले – “जैसे सच में राम प्रकट हुए हों”

प्रयागराज से आए एक श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा, “इस दोहे को हमने बचपन से सुना, लेकिन आज पहली बार उस क्षण को महसूस किया है। जैसे वाकई सरयू के तट पर राम प्रकट हुए हों।”सुबह से रात तक मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा। बच्चे, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग हर कोई राममय दिखा।

एक झलक पाने को बेताब दिखे श्रद्धालु, बोले: रोम-रोम में बसे हैं राम

रामलला की एक झलक पाने को देशभर से लोग अयोध्या पहुंचे। अलसुबह से ही मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं। तेज धूप भी भक्तों की आस्था को डिगा न सकी। हनुमानगढ़ी, रामपथ, सरयू तट और श्रीराम जन्मभूमि परिसर हर जगह भक्ति की लहर दौड़ती रही। रामनगरी की हर गली में भजन मंडलियां, मार्गों पर शोभायात्राएं, और हर चेहरे पर भक्ति का तेज दिखाई  दिया। झांकियों में भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के स्वरूपों में सजे बच्चों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

“रामनवमी सिर्फ पूजा नहीं, एक अनुभूति है”

वाराणसी से आए एक युवा जोड़े ने कहा, “हमने टीवी पर बहुत कुछ देखा, लेकिन यहां आकर जाना कि रामनवमी क्या होती है। यह केवल एक पूजा नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ी अनुभूति है।”। वहीं,एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा, “भगवान के दर्शन हो गए, अब जीवन पूरा हो गया।”

मंदिर परिसर में दीपोत्सव मनाया गया

शाम होते ही सरयू घाट और मंदिर परिसर में दीपोत्सव मनाया गया, जिसमें ढाई लाख दीपों की रोशनी से अयोध्या जगमगा उठी। यह दृश्य न सिर्फ श्रद्धालुओं, बल्कि पूरे देश और विश्व ने टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से देखा।

पूरी दुनिया ने देखा सूर्य तिलक, ढाई लाख दीपों से सजी सरयू

रामनवमी के अवसर पर न केवल श्रीराम जन्मभूमि, बल्कि पूरी अयोध्या दीपों, फूलों और भक्ति की रोशनी से जगमगा उठी। सुबह 9:30 बजे से जन्मोत्सव की विधियां शुरू हुईं। अभिषेक, श्रृंगार और आरती के बाद दोपहर 12 बजे भगवान रामलला का सूर्य तिलक हुआ। ड्रोन के माध्यम से श्रद्धालुओं पर सरयू जल की फुहारें छोड़ी गईं।ड्रोन पर जय श्री राम लिखा था।

Add comment

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें