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तीन-चार महीनों में सवा लाख रुपये तक बढ़ सकती है चांदी की कीमत

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नई दिल्‍ली । जैसे सोने की चमक के पीछे दुनिया दौड़ लगा रही है वैसे ही चांदी की चमक ने भी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। चांदी को गरीब आदमी का सोना माना जाता है। कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट कायनात चैनवाला ने कहा, अगर तेजी की गति जारी रहती है, तो कॉमैक्स चांदी 40 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है।

जबकि, एमसीएक्स की कीमतें अगले तीन से चार महीनों के भीतर 1,25,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों, चीन की मांग में सुधार से औद्योगिक परिदृश्य में सुधार हो सकता है, जिससे निकट भविष्य में चांदी का प्रदर्शन सोने से बेहतर हो सकता है।

दरअसल सोने की तेज चाल का फायदा चांदी को भी अपने आप मिल जाता है। सोने ने हाल ही में 3,000 डॉलर प्रति औंस का मनोवैज्ञानिक स्तर तोड़ा है। अब चांदी भी इसी तर्ज पर अपनी रफ्तार बनाए हुए है। सोने की तरह, चांदी ने भी इस साल के पहले तीन महीनों में 15% का रिटर्न दिया है। दुनियाभर में, इन दोनों कीमती धातुओं ने अब तक शेयर और बॉन्ड बाजार जैसे प्रमुख संपत्ति से बेहतर प्रदर्शन किया है।

सोने को पछाड़ रही चांदी
पिछले पांच वर्षों से चांदी सोने से भी आगे रही है। इसने इस अवधि में लगभग 178% का रिटर्न दिया है। जबकि इस दौरान सोने में 106% की तेजी आई है। फिलहाल, चांदी 2011 के अपने 50 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर से काफी दूर यानी 34 डॉलर प्रति औंस के स्तर के करीब है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह चांदी की कीमतों में और तेजी की गुंजाइश का संकेत है।

चांदी की मांग बढ़ने के कई कारण
कोरोना महामारी के बाद चांदी की मांग बढ़ने के कई कारण रहे। सुरक्षित निवेश, यूक्रेन-रूस संघर्ष, टैरिफ और व्यापार युद्ध की चिंता इनमें से प्रमुख हैं। नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योगों में चांदी की मांग बढ़ने से भी कीमतों में तेजी का रुख बना।

इनकी कीमतों के उतार-चढ़ाव की खास वजहें होती हैं। चांदी की कीमतें काफी ज्यादा अस्थिर होती हैं और इसकी औद्योगिक मांग इसका दाम तय करती है। जबकि सोना केंद्रीय बैंकों की खरीदारी के कारण अधिक स्थिर रहता है।

लंबे समय में मुनाफा देगा
निवेशक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया या म्यूचुअल फंड द्वारा एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में कारोबार किए गए वायदा अनुबंधों के माध्यम से चांदी में निवेश प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उनमें अस्थिरता के प्रति उच्च सहनशीलता होनी चाहिए।

चांदी की औद्योगिक मांग बिगड़े वैश्विक माहौल में तेजी से घटती है। इसके दाम में तेज उठापटक का इतिहास रहा है। केवल सोने की कीमत के आधार पर चांदी में अंधाधुंध दांव लगाने की सलाह नहीं दी जा सकती। हालांकि जानकारों के मुताबिक फिलहाल चांदी पर संयमित दांव लंबे समय में फायदेमंद हो सकता है।

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