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पक्ष विपक्ष के बीच आपसी अनर्गल टकराव की स्थिति!

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डॉ. भरत मिश्र प्राची

इस बार के लोकसभा चुनाव मे विपक्ष को मजबूत जनादेश मिला जिसके बल पर वह सकरात्मक कदम उठाकर लोकतंत्र को बचा सकती है। संसद में जनादेश के इस ताकत पर सरकार के गलत कदम पर ब्रेक लगाते हुये उठाकर जनहित में कदम उठाने को मजबूर कर सकती है । यह तभी संभव है जब विपक्ष मिले जनादेश की ताकत को अनर्गल बहस में न उलझाकर संसद में जनहित के मुद्दे उठाये, बहस करे, सरकार को मुद्दे पर अमल करने का दबाव बनाये।

लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति अभिभाषण से शुरू होने वाला सत्र मुद्दो से भटककर टकराव की राजनीति में उलझ गया है जहां संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का भाजपा बनाम हिन्दू वाला बयान राजनीतिक तुल पकड़ता जा रहा है। इस बयान ने देश में एक नया राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया जो लोकतंत्र हित में कदापि नहीं। इस चुनाव में देश की जनता ने विपक्ष को जो जनदेश जिस काम के लिये दिया, विपक्ष उस दिशा में कदम न बढ़ाकर गलत अपना लिया है। जो चर्चा संसद से बाहर की जा सकती उसे संसद में प्रमुख बनाकर सत्ता पक्ष को मुद्दों से भटकाने का कार्य कर रहा है। विपक्ष को जनादेश मिला है पर सत्ता पक्ष अभी भी ताकतवर है जिसने लोकसभा अघ्यक्ष का चयन अपनी मर्जी के अनुसार कर विपक्ष को अपनी ताकत का अहसास करा दिया, इस बात को विपक्ष को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लोकसभा उपाध्यक्ष का चयन भी सत्ता पक्ष की मर्जी के अनुसार हीं होना है भले यह जगह अपने सहयोगी दल में से किसी को देनी पड़े पर विपक्ष को इस पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है। जब कि विपक्ष इस पद के लिये अपना उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय भी ले चुका है। वर्तमान राजनीतिक उभरे हालात में पक्ष विपक्ष के बीच केवल आपसी अनर्गल टकराव की स्थिति उभरती नजर आ रही है, जहां वास्तविक जनहित के मुद्दे गौण हो चले है। इस तरह की स्थिति संसद में चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा मुद्दों से हटकर अनर्गल मुद्दे उठाने स ेउपजी जिसके लिये विपक्ष पूरी तरह से जिम्मेवार है।
लोकसभा चुनाव में जनता ने जिसे जनादेश दिया, जिसे नहीं दिया, संसद की चर्चा का विषय नहीं है। संसद में जनहित के मुद्दे विपक्ष द्वारा उठाया जाना विपक्ष का सकरात्मक कदम माना जा सकता जिससे लोकतंत्र की मर्यादा बचाने एवं सत्ता पक्ष को गलत कदम उठाने से रोकने में विपक्ष को सफलता मिलती। पर विपक्ष के उठाये वास्तविक महंगाई, बेराजगारी, नीट परीक्षा धांधली, अग्नवीर मुदृदे को भटकाव वाला हिन्दू बनाम भाजपा का मुद्दा निगल गया। इस तथ्य को विपक्ष को समझना होगा। विपक्ष संसद में अनर्गल बहस से बचकर जनहित के मुद्दे उठाते हुये विपक्ष की भूमिका निभा सकता है जिसके लिये देश की जनता ने स्पष्ट जनदेश दिया है जो अपने सकरात्मक कदम से सत्ता पक्ष के गलत कदम को रोककर सही कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है।

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