*पीएम नरेंद्र मोदी से भी एसकेएम ने मांग की कि वे अपनी पार्टी के सांसद द्वारा की गई निंदनीय और असत्य टिप्पणियों के लिए किसानों से खुद माफी मांगें*
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक साक्षात्कार में भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा की गई चौंकाने वाली अपमानजनक और तथ्यात्मक रूप से गलत टिप्पणियों का संज्ञान लिया है। यह बेहद दुखद है कि किसानों को गाली देने की आदत रखने वाली यह सांसद अब भारतीय किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, षड्यंत्रकारी और देशद्रोही कहने की चरम हद तक पहुंच गई है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि यह सांसद इस तरह की ऊटपटांग बातें कर रही हैं, क्योंकि दिल्ली की सीमाओं पर एसकेएम के नेतृत्व में चले ऐतिहासिक कॉर्पोरेट विरोधी किसान आंदोलन को अपमानित और बदनाम करना भाजपा की लंबे समय से नीति रही है। अपमान और जानबूझकर उकसावे के बावजूद, एसकेएम ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ किसानों का विरोध शांतिपूर्ण, वैधानिक और भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के अनुसार चले।
किसान आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि इसका व्यापक रूप में होना और 736 शहीदों का सर्वोच्च बलिदान है। इनमें लखीमपुर खीरी हत्याकांड के पांच पीड़ित भी शामिल हैं, जिसमें चार किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थी, जो कंगना रनौत की पार्टी के नेता और पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय कुमार टेनी और उनके बेटे की चलती गाड़ी के नीचे आ गये थे, जिन पर अब हत्या के आरोप में मुकदमा चल रहा है। इस देशव्यापी किसान आंदोलन के पूरे दौर में राजधानी दिल्ली के आसपास किसानों के संघर्ष के दौरान किसी भी हिंसा में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई थी।
किसानों का यह आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीय लोगों के महान उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष का वारिस है और आज भी वह साम्राज्यवाद संचालित कॉर्पोरेट ताकतों और उसकी किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ रहा है। बेहतर होगा कि कंगना रनौत भारत में किसानों के आंदोलन को राष्ट्रविरोधी कहने से पहले इसके इतिहास और राजनीति को जानने की कोशिश करें।
एसकेएम मांग करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी पार्टी के एक सांसद द्वारा की गई निंदनीय और झूठी टिप्पणियों के लिए भारत के किसानों से माफ़ी मांगें। प्रधानमंत्री अपनी पार्टी और उसके सदस्यों को देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने वालों ‘भारत के अन्नदाताओं’ के साथ दुर्व्यवहार करने की अनुमति न दें। यह न केवल प्रधानमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है, बल्कि भारत के लोग उनसे इससे कम की उम्मीद भी नहीं करते हैं।
एसकेएम ने आगे मांग की है कि भाजपा सांसद कंगना रनौत अपने अनुचित और गलत बयानों के लिए भारत के किसानों से तुरंत बिना शर्त माफी मांगें और अपने पद की गरिमा बनाए रखें, अन्यथा एसकेएम के पास उनके सार्वजनिक बहिष्कार का आह्वान करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
*जारीकर्ता : मीडिया सेल | संयुक्त किसान मोर्चा*
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