इंदौर। सालों के इंतजार के बाद आखिरकार हुकुमचंद मिलकर कर्मचारियों को उनका मेहनताना मिल ही गया । लगभग 2800 जीवित कर्मचारियों को राशि का भुगतान किया जा चुका है । अब प्रशासन 1349 विधवाओं को उनका हक दिलाने की कार्रवाई करने के बाद उनके वारिसों को हक़ दिल रही है । 104 वारिसों का वेरिफिकेशन पूरा किया जा चुका है । इस हफ्ते उनके खातों में राशि हस्तांतरित करने की तैयारी की जा रही है।
795 से अधिक थर्ड पार्टी यानी कि हुकुमचंद मिल के वारिसों के आवेदन प्रशासन को मिल चुके है जिसमें से। 106 के आवेदन सही पाए गए है ओर अब तक 100 का वेरिफेकेशन कर लिया गया है। अगले हफ्ते से उनके खातों में राशि हस्तांतरित की जाएगी। ज्ञात हो कि 1373 विधवाओं ने आवेदन किया था जिसमें से 1255 का भुगतान हो चुका है। हालांकि 93 फार्म में कमी पाई गई है और 9 के दस्तावेजों का मिलान नहीं होने के कारण उन पर अभी मंत्रणा की जा रही है। जिसमें से 19 आवेदनों पर आपत्ति लगाई गई है।
एडीएम को दी थी जिम्मेदारी
हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए कलेक्टर ने एक अभिनव पहल की थी। विधवाओं की कागजी खाना पूर्ति कराकर उन्हें राशि दिलाई गई। हुकुमचंद मिल के 5895 कर्मचारियों के बाद उनके वारिसों को उनके हक मिलने लगा है 100 से अधिक आवेदन पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने राशि हस्तांतिरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एडीएम निशा डामोर से मिली जानकारी के अनुसार कुछ ही समय में सभी आवेदकों को भुगतान लगभग पूरा कर लिया जाएगा।
हालांकि कई ऐसे आवेदक जो या तो देश के बाहर चले गए है या जिन्हें जानकारी ही नहीं है कि भुगतान प्रक्रिया की जा रही है उनकी तलाश जारी है। ज्ञात हो कि हुकुमचंद मिल के कर्मचारियों का भुगतान किया जा रहा है । इसके लिए आवेदन के साथ शपथ पत्र और प्रमाण स्वरूप दस्तावेज भी दिए गए हैं। वारिसों की जानकारी क्षेत्रिय पटवारी और तहसीलदार के माध्यम से भी तैयार करवाई की जा रही है। जिससे कि कोई भी वारिस इस राशि से वंचित न रहे और बाद में किसी तरह की आपत्ति सामने ना आए। संभवत: इस वर्ष के अंत तक मिल के सभी श्रमिक और उनके परिवारों में राशि का वितरण कर दिया जाएगा।
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