सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की यूजर्स के साथ मनमानी अब ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है. इसके लिए केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रद्योगिकी मंत्रालय (आईटी) ने इन सोशल मीडिया साइट्स के खिलाफ शिकायत के लिए एक अपील समिति गठित करने का निर्णय लिया है. सरकार जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी. इस शिकायत पैनल पर यूजर्स किसी भी तरह के गलत व्यवहार की शिकायत दर्ज कर सकेंगे. यूजर्स के अकाउंट को बंद करना, उनके फॉलोअर को घटाना और बढ़ाना, बेतुके विज्ञापनों के मद्देनजर अपील समिति गठित करना सरकार का फैसला अहम है.
क्योंकि समिति का फैसला हरेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए मानना होगा. याद रहे कि बीते दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कम्यूनिटी गाइडलाइंस का कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए कुछ चर्चित हस्तियों समेत कई यूजर्स के अकाउंट बंद कर दिए थे. ऐसी परिस्थितियों में यूजर्स के पास अपनी आवाज उठाने के लिए बहुत सीमित रास्ते थे. जिनके बाध्यकारी नहीं होने के मद्देनजर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फायदा उठाते हैं. अपील के प्रावधान में समिति के फैसले को लागू करने की अनिवार्यता है, जो इन प्लेटफॉर्म के मनमाने रवैये को रोकेगी.
ये सदस्य होंगे शामिल
आईटी मंत्रालय ने इसी साल गत जून में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडिएट गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया कोड ऑफ कंडक्ट) नियम, 2021 में संशोधन के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें कहा गया था कि सरकार अपील समितियों का गठन करेगी, जिसमें एक अध्यक्ष और ऐसे अन्य सदस्य शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक समिति तीन से पांच सदस्यीय होगी, जिसमें एक अध्यक्ष और अन्य सदस्य होंगे. शिकायत अपीलीय समिति डिजिटल मॉडल पर काम करेगी यानी कि ऑनलाइन सुनवाई करेगी और जिस प्लेटफार्म के खिलाफ फैसला जारी करेगी उसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना होगा.
इसमें एक सरकारी अधिकारी, कम से कम एक आईटी विशेषज्ञ अनिवार्य तौर पर सदस्य होंगे. देश का हरेक नागरिक इसमें अपील करने का अधिकारी होगा. खास बात ये है कि पीड़ित यूजर के पास 30 दिनों के भीतर अपील दायर करने का समय होगा. साथ ही समिति यूजर की अपील दायर होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर उसे निपटाने का प्रयास करेगी.
समिति का आदेश मानना ही होगा
शिकायत अपील समिति द्वारा जारी फैसले में पीड़ित यूजर्स को मुआवजा भी मुहैया कराया जाएगा. साथ ही आदेश को तत्कालू लागू करने की अनिवार्यता भी होगी. गौरतलब है कि सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम 26 मई, 2021 से लागू हुए थे. इसने फेसबुक और ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अनिवार्य रूप से सूचना के पहले क्रिएटर की पहचान करने में सक्षम बनाया, जो भारत की संप्रभुता, राज्य की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करता हैनियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों जिनके 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं उन्हें एक शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना आवश्यक है. इन कर्मियों को भारत का निवासी होना चाहिए. 2021, मई में नियमों के लागू होने के बाद से फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मासिक अनुपालन रिपोर्ट के साथ सामने आ रहे हैं.