सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जाती है. बाबा महाकाल की नगर उज्जैन में स्नान करने श्रद्धालु पहुंचा. भक्तों ने महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन भी किए.
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में कई श्रद्धालु घाट स्नान करने पहुंचे. 11 डिग्री तापमान होने के बाद भी भक्तों ने डुबकी लगाई. इस दौरान श्रद्धालुओं की आस्था कम होती नजर नहीं हुई. शिप्रा घाट की ओर जाने वाले रास्ते में बेरिकेट्स लगाकर यहां पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई है.
वहीं सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड पर भी स्नान की व्यवस्था की गई है. ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने सोमकुंड और शिप्रा नदी में स्नान कर तीर्थ पर दान पुण्य और पितृ कर्म किया. इस दौरान महाकाल मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए भीड़ लगी है.
धार्मिक नगरी उज्जैन में सभी त्यौहारों का विशेष महत्व होता है. सोमवार को सोमवती अमावस्या होने से शिप्रा नदी के अलावा पुल के दूसरी ओर सोमतीर्थ पर कुंड में स्नान करने की परंपरा है. शिप्रा नदी के घाट पर श्रद्धालु सुबह से पहुंचने लगे.
वहीं सोमकुंड पर प्रशासन द्वारा ग्रामीण जनों की सुविधा के लिए कुंड के पर महिला-पुरूषों के लिए अलग-अलग स्नान की व्यवस्था की है. स्नान के बाद महिला श्रद्धालुओं को वस्त्र बदलने के लिए शामियाने लगाए गए है. सोमवती का स्नान सुबह से ही शुरू हो गया था. शिप्रा घाट पर रहने वाले पंडितों ने शिप्रा तट के घाट पर पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण कराया.
सोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान और इसके उपरांत श्री सोमेश्वर-जलपेश्वर महादेव के दर्शन और पूजन का विधान है. मान्यता है कि इससे मनुष्य के जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष समाप्त होते है. साथ ही अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान, पूजन के बाद बाहर बैठे भीक्षुकों को दान-पुण्य भी किया.
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