एस पी मित्तल, अजमेर
यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही श्रीमती सोनिया गांधी का जन्म दिन 9 दिसंबर को है। जन्मदिन को मनाने के लिए सोनिया गांधी कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान के पर्यटन स्थल सवाई माधोपुर में 8 दिसंबर को ही पहुंच गई है। जन्मदिन के जश्न में पुत्र राहुल गांधी भी शामिल होंगे, इसलिए 8 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा को भी ब्रेक दिया गया है। राहुल की यात्रा इन दिनों राजस्थान के कोटा में है। 8 दिसंबर को कोटा के उम्मेद स्टेडियम में तो लंच का प्रोग्राम रखा गया, उसे भी निरस्त कर दिया तथा शाम की पद यात्रा भी स्थगित कर दी गई। जानकारों के मुताबिक सोनिया गांधी का जन्म दिन पर्यटन स्थल रणथंभौर में मनाया जाएगा। जश्न में शामिल होने के लिए पुत्री प्रियंका गांधी भी रणथम्भौर पहुंच रही है।
गहलोत और रघु शर्मा हार की जिम्मेदारी लेंगे?:
गुजरात में कांग्रेस को जिताने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सीनियर आब्र्जवर बनाया गया था। गहलोत ने अपनी रणनीति के तहत ही प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का इस्तीफा करवा कर गुजरात का प्रभारी बनाया। गुजरात चुनाव की रणनीति गहलोत और रघु शर्मा ने मिल कर ही बनाई, लेकिन कांग्रेस को 182 में से मुश्किल से 20 सीटें मिली हैं, यानी गहलोत और रघु ने जो रणनीति बनाई वह पूरी तरह फेल हो गई। सवाल उठता है कि क्या ये दोनों नेता गुजरात में बुरी हार की जिम्मेदारी लेंगे? यह माना कि गुजरात में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की वजह से भी कांग्रेस को नुकसान हुआ, लेकिन गुजरात में तो कांग्रेस की स्थिति अच्छी थी। 2017 के चुनाव में भी कांग्रेस को 77 सीटें मिली थी। जानकारों की माने तो रघु शर्मा के गुस्सैल व्यवहार गुजरात में कुछ ज्यादा ही माहौल बिगाड़ा। अशोक गहलोत की वजह से रघु को पूरी छूट मिली। प्रचार से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक में रघु की एक छत्र चली।
सरदारशहर में कांग्रेस की जीत:
राजस्थान के सरदारशहर के उप चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल शर्मा करीब 20 हजार मतों से विजयी हुए हैं। शर्मा ने भाजपा के उम्मीदवार अशोक पीचा को हराया है। कांग्रेस उम्मीदवार अनिल शर्मा दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा के पुत्र हैं। कांग्रेस इस उपचुनाव की जीत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जीत बता रही है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राजस्थान में अधिकांश उपचुनाव कांग्रेस ने ही जीते हैं। नेताओं ने कहा कि ये उपचुनाव सीएम अशोक गहलोत की उपलब्धियों की वजह से जीते जा रहे हैं। वहीं भाजपा ने अनिल शर्मा की जीत तो सहानुभूति की जीत बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि अनिल शर्मा को अपने पिता दिवंगत भंवरलाल शर्मा की लोकप्रियता का फायदा मिला है।