एस पी मित्तल अजमेर
25 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। वन टू वन हुई इस मुलाकात में कई मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। हालांकि सीएम गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि जब तक मंत्रिमंडल का फेरबदल नहीं होता तब तक मीडिया में फर्जी खबरें चलती रहेंगी। लेकिन 25 अक्टूबर को तो राज्यपाल से मुलाकात कर गहलोत ने स्वयं ही अटकलों को बढ़ावा दिया है। यह सही है कि गहलोत चाहेंगे, तभी मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां जैसे कार्य होंगे। गहलोत पर ऐसा कोई दबाव नहीं है जिसके अंतर्गत मंत्रिमंडल में बदलाव करना पड़े, लेकिन फिर भी राज्यपाल से मुलाकात के राजनीतिक मायने तो हैं ही। सीएम गहलोत कृषि कानूनों को राजभवन में लटकाए रखने को लेकर भले ही कलराज मिश्र की सार्वजनिक आलोचना करें, लेकिन गहलोत ने मिश्र से व्यक्तिगत संबंध अच्छे बनाए रखे हुए हैं। गत 26 अगस्त को सीएम गहलोत ने जब एंजियोप्लास्टी करवाई तो उनके निवास स्थान पर सबसे पहले मिलने वालों में कलराज मिश्र ही थे। सीएम गहलोत कई बार यह भी कह चुके हैं कि मिश्र आगे होकर स्वयं फोन करते हैं। शिष्टाचार के नाते मुख्यमंत्री को फोन करना चाहिए, लेकिन कलराज मिश्र स्वयं ही आगे बढ़कर फोन कर लेते हैं। राज्यपाल के साथ ऐसी मित्रता के बीच में ही गहलोत ने 25 अक्टूबर को मिश्र से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल को रोकने को लेकर सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसको लेकर राज्यपाल से अध्यादेश जारी करवाया जाएगा। सरकार ने परीक्षा में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आरोपी को सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया है। चूंकि अभी विधानसभा नहीं चल रही है, इसलिए अध्यादेश के जरिए कानून लागू किया जाएगा। जहां तक मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का सवाल है तो दीपावली बाद ही संभावना है। प्रदेश में दो विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव 30 अक्टूबर को होने हैं। चुनाव परिणाम के बाद दीपावली का पर्व है। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल दीपावली के बाद ही हो सकता है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावना और बढ़ गई है।