सुसंस्कृति परिहार
हालांकि सुपारी और साहिब जी का नाम कुछ जमता नहीं है फिर भी यह तो जानना हमारा हक है कि यह किंतु सुपारी किसको दी गई और क्यों ? यह गंभीर जांच का विषय है क्योंकि यह माननीय साहिब जी की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।अभी तक बड़ी गैंगवार ही यह सुपारी लेती रही है।अब ये कौन नाचीज़ टपक पड़े जिसने माननीय की सुपारी ली है।उसे यह नहीं पता कि उनकी सुरक्षा कितने घेरों में होती है तथा उनके 56इंच के सीने का भी उसे अहसास नहीं। मुझे तो ये एक जुमला या शिगूफा ही लगता है।
सबसे बड़ी बात जो साहिब जी कह रहे हैं कि उनकी छवि खराब करने 2014 से सुपारी देश में और विदेश में बैठे कुछ लोगों ने ले रखी है यह साहिब के मुखारविंद से सुनकर देशवासी चिंतित हैं। कपिल सिब्बल जी कह रहे हैं, नाम बताएं मैं मुकदमा दर्ज करना चाहता हूं।देश के पी एम इतने बड़े संकट में हैं और नाम नहीं बता रहे ना ही उनकी सुरक्षा एजेंसियां इसे महत्वपूर्ण मान रही हैं तो इससे तो यह स्वयं सिद्ध हो जाता है कि वे एक गहन पीड़ा से गुजर रहे कहना चाहकर भी नहीं कह पा रहे हैं। चूंकि गुजरात में मुख्यमंत्री बतौर उनका ज्यादा समय अपराधियों के दौर से गुज़रा है इसलिए वे इसे सुपारी कह रहे हैं।
जबकि इस भाषण में उनकी हालत बयां कर रही है कि जिस राहुल गांधी की छवि बर्बाद करने अरबों रुपए स्वाहा कर दिए वो आज देश का सबसे लोकप्रिय चेहरा कैसे बन गया और अब अडानी और उनके रिश्ते की खबर ले रहा है और सदन में 20,000करोड़ रुपए का हिसाब मांग रहा है जो संभवतः नोटबंदी के समय अडानी की किस्मत चमकाने में खर्च कर दिया।उसे जेल से बेल तत्काल मिल गई।सदन से सदस्यता भी चली गई लेकिन वह सवाल दर सवाल दाग रहा है जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है।उसे हिसाब चाहिए।संसद ठप है।रोजाना नये नये मामले सिर पर सवार होते जा रहे हैं उधर सर्वोच्च न्यायालय भी पीछे पड़ा हुआ है। हिंडनबर्ग,विदेशी मीडिया भी छवि धूमिल करने में लगा है।
तो क्या इन्होंने सुपारी ले रखी है साहिब जी की या ये सिर्फ फितूर है। लेकिन सुपारी शब्द का सभा में इस तरह ख्याल आना चिंताजनक है चूंकि अब तक के साहिब के बयानों के ठीक ही उलट होता रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि यह अंदर से आई कोई खतरनाक साजिश की सूचना हो।इस पर भी विचार होना चाहिए। कहीं किसी को राहुल, सीजेआई चंद्रचूड़ और विदेशी मीडिया प्रमुखों की सुपारी तो नहीं दी गई है। विश्वगुरु साहिब जी कितनी कलाओं में माहिर हैं यह सत्य अब उजागर हो चुका है।उनका ,चाल ,चरित्र,चेहरा लगभग जाहिर हो चुका है। जस्टिस। लोया बार बार याद आते हैंअत: ज़रूरी है इस बात को साधारण ना मानते हुए उपर्युक्त ऐसे लोगों को भी संरक्षण दिया जाए। साहिब जी का सुरक्षा घेरा तो बहुत मज़बूत है बाकी दूसरे पक्ष को बचाए रखने की जिम्मेदारी हम सबकी भी है।