नई दिल्ली,)। बिलकिस बानो मामले में बलात्कार के 11 मुजरिमों की सजा माफी को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। गुजरात सरकार द्वारा दी गई सजा में छूट को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। अब मुजरिमों को फिर से जेल जाना होगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिलकिस बानो द्वारा 11 दोषियों की सजा पर माफी को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई योग्य है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए यह माना है कि 13 मई, 2022 का फैसला कि गुजरात सरकार को दोषी को माफ करने पर विचार करना चाहिए, अदालत के साथ धोखाधड़ी करके और भौतिक तथ्यों को छिपाकर प्राप्त किया गया। इसके साथ ही बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही माना कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है। गौरतलब है कि अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। इसके बाद ही दोषियों की रिहाई के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए सजा से छूट को रद्द कर दिया है तो सभी बिलकिस बानों के दोषियों को फिर से जेल जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने रखा था फैसला सुरक्षित गौरतलब है कि 12 अक्टूबर 2023 को साल 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में दोषियों को रिहा करने की छूट देने वाले आदेश की वैधता के सवाल पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं यह भी बतलाते चलें कि गुजरात सरकार ने छूट नीति के तहत दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी थी। इसके बाद ही मामले में दोषी ठहराए 11 लोगों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था।
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