सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी का फैसला खारिज करते हुए दिया लिक्विडेशन का आदेश
नई दिल्ली । जेट एयरवेज अब कभी भी उड़ान नहीं भर सकेगी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी का फैसला खारिज करते हुए बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज के लिक्विडेशन का आदेश दे दिया है। अब जेट एयरवेज की सारी संपत्तियों की बिक्री और नीलामी होगी। संपत्ति बिक्री से आई रकम कर्जदाता बैंकों को दी जाएगी। इस तरह जेट एयरवेज का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एनसीएलएटी का फैसला शीर्ष अदालत के जनवरी 2023 के आदेश का उल्लंघन था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज के रेजॉल्यूशन एप्लिकेंट, जालान-कालरॉक कंसोर्टियम को 150 करोड़ रुपये की परफॉरमेंस बैंक गारंटी के समायोजन की अनुमति देकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की थी। जेट एयरवेज को फिर से शुरू करने के लिए 350 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता थी, लेकिन कंसोर्टियम इसमें नाकाम रहा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की और एनसीएलएटी के फैसले को खारिज कर दिया।
ऋणदाताओं और कर्मचारियों के हित में है लिक्विडेशन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लिक्विडेशन का आदेश एयरलाइन के ऋणदाताओं और कर्मचारियों के सर्वोत्तम हित में है। कोर्ट ने एनसीएलटी मुंबई को लिक्विडेटर की नियुक्ति के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। बैंकों ने इस फैसले को चुनौती दी थी और कहा था कि कंसोर्टियम एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए आवश्यक शर्तें पूरी करने में विफल रहा है।
कभी भारत की प्रमुख एयरलाइन थी जेट एयरवेज
नरेश गोयल द्वारा स्थापित जेट एयरवेज कभी भारत की प्रमुख एयरलाइन थी, लेकिन 2019 से इसका परिचालन बंद हो गया था। एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज का मालिकाना हक यूके की कालरॉक कैपिटल और संयुक्त अरब अमीरात के कारोबारी मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम को सौंपने की मंजूरी दी थी। हालांकि, कंसोर्टियम समाधान योजना को लागू करने में विफल रहा।
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