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नीट परीक्षा की धांधली पर सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला?

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सनत जैन

नीट परीक्षा रद्द होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऐसा लगता था, सुप्रीम कोर्ट जल्द ही नीट मामले में कोई फैसला सुना देगा। लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट परीक्षाओं में हो रही धांधलियों को लेकर काफी गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा किस तरह से परीक्षा कराई जाती है। पेपर कैसे तैयार किए जाते हैं। पेपर कैसे प्रिंट होते हैं। इन्हें परीक्षा केंद्रों तक किस तरह से भेजा जाता है।

प्रश्न पत्र की सुरक्षा और परीक्षा केंद्रों मे क्या इंतजाम हैं। पेपर जब लीक होता है, तो लीक होने के कौन से कारण हैं। पेपर लीक होने के बाद टेस्टिंग एजेंसी द्वारा क्या किया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस बात पर भी ध्यान दे रही है। जब नीट परीक्षा में 23 लाख से अधिक छात्र बैठे थे, तब सभी परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित क्यों नहीं किया गया। परीक्षा परिणाम घोषित करने में पारदर्शिता क्यों नहीं है। इन सारे विषयों पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ गंभीर चिंतन करते हुए सुनवाई कर रही है। देश भर के हाईकोर्ट्स में नीट की धांधली से संबंधित जो याचिकाएं लगीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास बुला ली है। याचिका करताओँ के वकीलों को सुप्रीम कोर्ट बडे ध्यान से सुन रही है। सीबीआई द्वारा पेपर लीक मामले में जो कार्रवाई की गई है, और जो की जा रही है।

उसके बारे में भी सीबीआई से जानकारी प्राप्त कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में लगातार पेपर लीक की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। इस पर अभी तक अंकुश नहीं लगाया जा सका है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ परीक्षा एजेंसी की कार्य प्रणाली और उसकी विश्वसनीयता को लेकर काफी गंभीर हैं। जिन पर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी है, वह ठेके पर जिन कंपनियों को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी देती हैं, उनकी भूमिका पर भी सुप्रीम कोर्ट विचार कर रही है। परीक्षा दोबारा हो या ना हो। भविष्य में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इस पर भी सुप्रीम कोर्ट का ध्यान है। सुप्रीम कोर्ट जिन 40 याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। उसमें सभी बिंदुओं पर याचिका कर्ताओं के वकीलों के साथ समय-समय पर सवाल जवाब भी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, कोर्ट को हर तरह से संतुष्ट करे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यदि संतुष्ट नहीं कर पाती है तो ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट पुनः परीक्षा कराने या नहीं करने के निर्णय देने के स्थान पर परीक्षा की पूरी व्यवस्था को लेकर एक विस्तृत आदेश करने के पक्ष में है। ताकि भविष्य में परीक्षाओं में गड़बड़ी न हो।

जिस उद्देश्य से परीक्षा आयोजित की गईं है। उसमें जो परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। उनके साथ ना तो अन्याय हो, ना कोई भेदभाव हो। सभी को योग्यता के अनुसार समान अवसर मिले। इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो सुनवाई अभी की जा रही है, वह बड़ी महत्वपूर्ण हो गईं है। माना जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वह अभी तक का परीक्षाओं के संबंध में एक ऐतिहासिक फैसला होगा। परीक्षाओं को लेकर, परीक्षार्थियों और उनके परिवारजनों में भरोसा जागे। योग्यता के आधार पर सभी को समान अवसर मिलें। परीक्षाओं के नाम पर जो भ्रष्टाचार और भाई,-भतीजाबाद हो रहा है। परीक्षाओं के नाम पर कोचिंग सेंटर और माफिया का जो नेक्सस बन गया है। उस पर भी रोक लग सके। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एनटीए को नीट परीक्षा परिणाम को शहर और सेंटर वाइज ऑनलाइन अपलोड कर सार्वजनिक करने के आदेश दिए हैं।

ठीक वैसे ही जैसे कि चुनावी बॉड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्ब बैंक को राजनीतिक पार्टिर्यों को चंदा देने वालों की सूची ऑनलाइन सार्वजनिक करने को कहा था। नीट मामले में भी सुप्रीम कोर्ट बहुत सजग है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी खंडपीठ जिस तरह से सुनवाई कर रही है, उससे यह आशा जगी है कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला होगा वह सभी के हित में होगा। इसका दूरगामी परिणाम होगा। निर्णय के बाद परीक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी भी तय होगी।

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