नई दिल्ली: जैसे हम आप जमीन पर बड़ी आसानी से घूमते हैं, अपना कामकाज करते हैं ठीक उसी तरह से समंदर के भीतर भी एक दुनिया पलती है। इंसान समंदर की गहराइयों में ‘खेती’ करते हैं। चौंकिए मत, ये हल जोतने वाले किसान नहीं होते हैं। पेट पालने के लिए ये लोग सी-फूड की तलाश में समुद्र की तलहटी खोदते हैं। आपको शायद लगे कि पूल में डाइव तो हम भी लगाते हैं लेकिन जरा सोचिए आप पानी के भीतर कितनी देर तक सांसें थामे रह सकते हैं। कुछ सेकेंड या मुश्किल से 1 मिनट। आपको जानकारी हैरानी होगी कि ये अजूबे इंसान 200 फीट की गहराई में 5 से 13 मिनट तक पानी के अंदर रह सकते हैं। ये कहानी है एक जनजाति की। दुनिया उन्हें बजाऊ समुदाय कहकर पुकारती है। उनके लिए चमचमाती सड़कें, इंटरनेट, मोबाइल जैसी मॉडर्न चीजों का कोई मतलब नहीं है। ये आज भी बरसों पुराने तरीके से अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।
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