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सुशील मोदी का कबूलनामा…शिवसेना ने धोखा दिया तो हमने उन्हें तोड़ा

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पटना: बिहार में नई सरकार बन चुकी है। चेहरे पुराने हैं, बस गठबंधन नया है। सीएम के पद पर आठवीं बार नीतीश कुमार विराजमान हुए तो डिप्टी सीएम की कुर्सी पांच साल बाद फिर से राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव के पास लौट आई है। 2005 से बिहार की सत्ता के शिखर पर विराजमान नीतीश कुमार स्थायी हैं, बदलाव बस डिप्टी सीएम की चेयर पर ही होता रहा है। एक बार फिर इस बदलाव पर बात करने जब नीतीश के पुराने साथी सुशील कुमार मीडिया के सामने आए तो राजनीतिक तोड़फोड़ पर ऐसा बयान दिया, जो अब राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है। बोलते-बोलते सुशील मोदी महाराष्ट्र का सच बोल गए। अब तक जो सच कयासबाजियों तक सीमित था, वह सुशील मोदी की जुबान पर आ गया। यह सच महाराष्ट्र में शिवसेना की टूट का सच है।

सुशील मोदी ने मीडिया से बातचीत के क्रम में नीतीश कुमार के पाला बदलने को जनता के साथ धोखा करार दिया। एक तरफ नीतीश कुमार, सुशील मोदी को अपना दोस्त बनाते दिखे। वहीं, सुशील कुमार मोदी ने महाराष्ट्र के उदाहरण के जरिए नीतीश कुमार को बड़ा संदेश दे दिया। साथ ही, दबी जुबान से बोले जाने वाले सच को सामने ला दिया। दरअसल, महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भाजपा हमेशा खुद को अलग करती दिखी थी। शिवसेना से एकनाथ शिंदे के बाहर होने को हिंदुत्व से जोड़ा गया। उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व के साथ खड़ा न होने का आरोप लगा। अब सुशील मोदी के बयान ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र में हुई राजनीतिक टूट के पीछे भाजपा का हाथ था। उन्होंने कहा भी कि जो हमें छेड़ता है, उसे हम नहीं छोड़ते।

शिवसेना को हमने क्यों तोड़ा?
सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से सवालिया लहजे में कहा, हमने शिवसेना को क्यों तोड़ा? बिहार में एनडीए की सरकार गिरने के बाद सुशील मोदी के तेवर आक्रामक थे। उन्होंने कहा कि जो हमारा साथ देता है, उन्हें हम छेड़ते नहीं हैं। उनके खिलाफ हम नहीं जाते। जो हमें छेड़ता है, उन्हें हम छोड़ते नहीं हैं। महाराष्ट्र को देख लीजिए। हमने शिवसेना को क्यों तोड़ा, क्योंकि उन्होंने हमें धोखा दिया। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को हमने जितना सम्मान दिया, जितनी स्वतंत्रता दी। उतना सम्मान उन्हें राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस में नहीं मिल सकता है। आक्रामक अंदाज में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को भी विश्वासघात का परिणाम भुगतना होगा।

हालांकि, सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को तोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। जनता इस विश्वासघात का जवाब देगी। उन्होंने कहा कि जदयू के साथ हमारा पुराना गठबंधन था। वर्ष 2020 के चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुना गया था। चुनाव में भाजपा को 74 सीटें आई। इसके बाद भी हमने वादा निभाया। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन, उन्होंने बिहार की जनता को धोखा दे दिया। जनता ही उन्हें जवाब देगी।

उप राष्ट्रपति बनने की थी चाहत
सुशील मोदी ने इससे पहले ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार देश के उप राष्ट्रपति बनना चाहते था। उन्होंने दावा किया कि ऐसा उनका मन था। नीतीश भारत के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के मंत्रियों के साथ बात की थी। उन्होंने सवाल किया था कि क्या ऐसा हो सकता है? सुशील मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि यह सरासर झूठ है कि भाजपा ने बिना नीतीश कुमार की सहमति के आरसीपी सिंह को मंत्री बनाया था। यह भी झूठ है कि भाजपा जदयू को तोड़ना चाहती थी। या, हम उनकी पार्टी को तोड़ने का बहाना खोज रहे थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा 2024 में प्रचंड बहुमत से आएगी।

सुशील मोदी के बयान पर गरमाया माहौल
सुशील मोदी के बयान पर महाराष्ट्र की सियासत में माहौल गरमाने लगा है। रात को ही एनसीपी और शिवसेना में ठाकरे गुट की ओर से भाजपा पर हमले शुरू हो गए थे। नेताओं की ओर से शिवसेना को तोड़ने और सरकार को अस्थिर कर गिराने का आरोप भाजपा पर लगाए जाने लगे हैं। एक नेता ने कहा कि सुशील मोदी के माध्यम से सच जनता के सामने आ गया है। शिवसेना को तोड़ने में भाजपा का ही हाथ था। वहीं, एकनाथ शिंदे को आगे करके पार्टी के हित को साधने के भी आरोप विपक्ष की ओर से लगाए जाने लगे हैं।

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